कूनो नेशनल पार्क: चीतों को पानी पिलाने वाले सत्तू गुर्जर की नौकरी बहाल


कूनो नेशनल पार्क में मादा चीता ज्वाला और उसके 4 शावकों को पानी पिलाने वाले सत्तू गुर्जर को वन विभाग ने निलंबित किया था। गुर्जर समाज के विरोध के बाद विभाग ने फैसला पलटते हुए उन्हें फिर से नौकरी पर बहाल कर दिया है।


DeshGaon
भोपाल Published On :

मध्य प्रदेश के श्योपुर स्थित कूनो नेशनल पार्क में हाल ही में एक घटना चर्चा का विषय बनी, जिसमें वन विभाग के चालक सत्यनारायण उर्फ सत्तू गुर्जर ने अपनी जान जोखिम में डालकर मादा चीता ‘ज्वाला’ और उसके चार शावकों को पानी पिलाया। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ, जिसके बाद सत्तू गुर्जर को अनुशासनात्मक कार्रवाई के तहत निलंबित कर दिया गया था। हालांकि, गुर्जर समाज के विरोध और समर्थन के बाद, वन विभाग ने अपना निर्णय बदलते हुए सत्तू गुर्जर की नौकरी बहाल कर दी है।

कूनो नेशनल पार्क में चीता मॉनिटरिंग टीम के लिए कार्यरत सत्तू गुर्जर का एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें वे मादा चीता ज्वाला और उसके चार शावकों को पानी पिलाते नजर आ रहे थे। वीडियो में देखा गया कि सत्तू गुर्जर एक बर्तन में पानी डालते हैं, जिसे चीते पालतू जानवरों की तरह पीते हैं और फिर वापस चले जाते हैं। इस वीडियो के सामने आने के बाद, वन विभाग ने इसे सुरक्षा प्रोटोकॉल का उल्लंघन मानते हुए सत्तू गुर्जर को निलंबित कर दिया था।

 

गुर्जर समाज का विरोध और समर्थन

सत्तू गुर्जर की निलंबन की खबर से गुर्जर समाज में नाराजगी फैल गई। समाज के लोगों ने इसे सत्तू गुर्जर के नेक कार्य के प्रति अन्यायपूर्ण कार्रवाई माना और वन विभाग के इस फैसले का विरोध किया। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि सत्तू गुर्जर की नौकरी बहाल नहीं की गई, तो वे आंदोलन करेंगे। समाज के इस समर्थन और दबाव के चलते, वन विभाग ने अपने निर्णय पर पुनर्विचार किया और सत्तू गुर्जर की नौकरी बहाल कर दी।

 

समाज द्वारा सम्मान समारोह

नौकरी पर पुनः बहाल होने के बाद, सत्तू गुर्जर का गुर्जर समाज ने ढेंगदा गांव में भगवान देव नारायण मंदिर में सम्मान किया। समाज के लोगों ने उन्हें फूल-माला पहनाकर और मिठाई खिलाकर उनका स्वागत किया। इस अवसर पर सत्तू गुर्जर ने कहा, “जब से कूनो में चीते आए हैं, मैं उनसे जुड़ा हुआ हूं। मेरी निजी गाड़ी ट्रैकिंग टीम के लिए किराए पर ली गई थी। उस दिन चीते प्यासे थे, तो मैंने उन्हें पानी पिला दिया। वीडियो वायरल होने के बाद मुझे हटा दिया गया, लेकिन एक दिन पहले पार्क प्रबंधन ने मुझे वापस बुला लिया। अब कोई शिकवा नहीं है।”

 

वन विभाग की प्रतिक्रिया

वन विभाग ने स्पष्ट किया कि चीतों के साथ इस प्रकार का सीधा संपर्क सुरक्षा प्रोटोकॉल का उल्लंघन है। विभाग ने कहा कि ट्रैकिंग टीम को पहले से ही चीतों से उचित दूरी बनाए रखने और उनकी सुरक्षा से जुड़े दिशा-निर्देशों की विशेष ट्रेनिंग दी गई थी, लेकिन इस घटना में उन नियमों की अनदेखी की गई। हालांकि, समाज के दबाव और समर्थन को देखते हुए, विभाग ने सत्तू गुर्जर की नौकरी बहाल करने का निर्णय लिया।

 



Related