स्कूल के अंदर किताबें बेचने वाले रतलाम के चैतन्य टेक्नो स्कूल पर बड़ा जुर्माना, हो सकती है मान्यता रद्द


प्रशासनिक दल ने स्कूल में मिली कॉपी-किताबें और यूनिफॉर्म का पंचनामा बनाकर स्कूल के खिलाफ कार्यवाही के लिए मामला जिला शिक्षा विभाग को भेज दिया।


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भोपाल Updated On :

मध्य प्रदेश में स्कूलों की मनमानी पर सरकार का सख्त एक्शन जारी है।  रतलाम के कलेक्टर ने चैतन्य टेक्नो स्कूल पर बड़ी कार्रवाई की है। स्कूल पर आरोप था कि उसके परिसर के अंदर ही मनमाने दामों पर किताबें और यूनिफॉर्म बेची जा रही हैं और पैरेंट्स को इसे खरीदने के लिए मजबूर किया जा रहा है। जांच में मामला सही पाए जाने के बाद कलेक्टर राजेश बाथम ने स्कूल पर दो लाख रुपये का जुर्माना लगाया है और साथ ही राज्य शासन को स्कूल की मान्यता खत्म करने का प्रस्ताव भी भेजा है।

बीते 7 जुलाई को जिला प्रशासन को चैतन्य टेक्नो स्कूल से सीधे किताबें और यूनिफॉर्म बेचे जाने की शिकायत मिली थी। कलेक्टर के निर्देश पर एक प्रशासनिक दल ने स्कूल पर छापा मारा। जांच में आरोप सही पाए जाने के बाद प्रशासन ने सभी किताबें और यूनिफॉर्म जब्त कर लिया। प्रशासनिक दल ने स्कूल में मिली कॉपी-किताबें और यूनिफॉर्म का पंचनामा बनाकर स्कूल के खिलाफ कार्यवाही के लिए मामला जिला शिक्षा विभाग को भेज दिया। यह कार्रवाई तहसीलदार ऋषभ ठाकुर और आशीष उपाध्याय के नेतृत्व में की गई थी।

प्रशासन की कार्रवाई

जिला शिक्षा अधिकारी ने अपनी रिपोर्ट कलेक्टर राजेश बाथम को सौंप दी, जिसके बाद कलेक्टर ने स्कूल प्रबंधन को नोटिस जारी कर जवाब मांगा। नोटिस के जवाब में स्कूल प्रबंधन ने अपनी गलती स्वीकार की, लेकिन कलेक्टर ने सख्ती दिखाते हुए स्कूल पर दो लाख रुपये का जुर्माना लगाया। इसके साथ यह भी फैसला लिया गया कि जब्त की गई किताबें और यूनिफॉर्म जरूरतमंद बच्चों को सिर्फ एक तिहाई कीमत पर दी जाएंगी। बाद में कलेक्टर ने चैतन्य टेक्नो स्कूल की मान्यता रद्द करने के लिए राज्य शासन को प्रस्ताव भी भेज दिया।

भिंड की कार्रवाई

हाल ही में भिंड में भी जिला प्रशासन ने सख्त कार्रवाई की थी। विद्या निकेतन स्कूल पर आरोप था कि वहां एनसीईआरटी की जगह महंगे दामों पर प्राइवेट प्रकाशन की किताबें बेची जा रही थीं। जांच में आरोप सही पाए जाने के बाद प्रशासन ने स्कूल की मान्यता रद्द कर दी। भिंड कलेक्टर ने यह एक्शन एक गरीब मजदूर पिता की शिकायत के बाद लिया, जिसमें उसने मंहगे दामों पर किताब खरीदने को मजबूर किए जाने की बात कही थी।



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