भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (NSUI) ने मुख्यमंत्री को एक पत्र लिखकर एमपी नर्सिंग काउंसिल की रजिस्ट्रार अनीता चांद को उनके पद से तुरंत हटाने की मांग की है। यह कदम गुरुवार को उच्च न्यायालय के उस आदेश के बाद उठाया गया है, जिसमें अनीता चांद के खिलाफ गंभीर आरोपों की जांच के निर्देश दिए गए हैं।
NSUI का आरोप: मानकों के बिना दी मान्यता
एनएसयूआई के प्रदेश उपाध्यक्ष रवि परमार ने बताया कि अनीता चांद पर आरोप है कि उन्होंने निरीक्षण के दौरान कई नर्सिंग कॉलेजों को मान्यता दे दी, जो निर्धारित मानकों को पूरा नहीं करते थे। उनके इस निर्णय ने राज्य में नर्सिंग शिक्षा की गुणवत्ता को लेकर गंभीर चिंताएं खड़ी कर दी हैं। एनएसयूआई का कहना है कि जब तक अनीता चांद इस पद पर बनी रहेंगी, तब तक जांच प्रक्रिया स्वतंत्र रूप से नहीं हो सकेगी।
जांच प्रक्रिया में हस्तक्षेप की आशंका
रवि परमार ने आगे कहा कि वर्तमान रजिस्ट्रार के पद पर रहते हुए अनीता चांद जांच को प्रभावित कर सकती हैं, जिससे काउंसिल के महत्वपूर्ण दस्तावेजों में छेड़छाड़ या उन्हें गायब करवाने की संभावना बनी रहेगी। इसलिए, संगठन का मानना है कि उनकी उपस्थिति निष्पक्ष जांच के लिए बाधक बन सकती है।
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मुख्यमंत्री से त्वरित कार्रवाई की अपील
एनएसयूआई ने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया है कि शिक्षा क्षेत्र में पारदर्शिता और निष्पक्षता को सुनिश्चित करने के लिए अनीता चांद को उनके पद से तत्काल हटाया जाए। संगठन ने इस मामले में त्वरित कार्रवाई की मांग की है ताकि नर्सिंग शिक्षा की गुणवत्ता और पारदर्शिता को पुनः स्थापित किया जा सके।
एनएसयूआई के इस कदम का उद्देश्य प्रदेश में शिक्षा की गुणवत्ता को बनाए रखना और भ्रष्टाचार के आरोपों की निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करना है।