पंद्रह साल की सरकार दो साल की उपलब्धि बताकर अपनी पीठ थपथपा रही है – कांग्रेस


कांग्रेस नेता सज्जन सिंह वर्मा, डा.विजय लक्ष्मी साधौ और जीतू पटवारी ने की प्रेस वार्ता, कहा प्रदेश का हर व्यक्ति 50 हजार का कर्ज़दार, माफिया पर कार्रवाई के नाम असल मुद्दों को छिपा रही है सरकारः कांग्रेस


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भोपाल Updated On :
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भोपाल। प्रदेश की आर्थिक स्थिति डामाडोल है और अब तक करीब पौने तीन लाख करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज प्रदेश पर है यानी हर व्यक्ति पर औसतन करीब 50 हजार रुपये का कर्ज है।

इसके उलट सरकार असल मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए खुद को बुलडोजर मामा के रुप में दिखा रही है और माफियाओं पर कार्रवाई कर रही है। सरकार की कार्रवाई से कोई परेशानी नहीं है लेकिन प्रदेश की आर्थिक स्थिति पर भी सरकार को स्पष्ट जानकारी देनी चाहिए।

यह बात प्रदेश कांग्रेस के नेताओं ने कही। गुरुवार को पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा, जीतू पटवारी और डॉ. विजय लक्ष्मी साधौ ने संयुक्त रुप से प्रेस वार्ता की और प्रदेश की आर्थिक स्थिति पर अपनी चिंताएं साझा कीं। इन नेताओं ने सरकार द्वारा माफिया के विरुद्ध कार्रवाई को बढ़ाचढ़ाकर बताए जाने को गुमराह करने की राजनीति बताया।

उन्होंने कहा कि पंद्रह सरकार की सरकार दो साल के काम के लिए अपनी पीठ थपथपा रही है। वर्मा ने सवाल किया कि पंद्रह साल में अपराधी इन्हीं के राज में पनपे हैं और अब ये उन पर कार्रवाई कर रहे हैं।

सज्जन सिंह वर्मा ने कहा सरकार आय का बढ़ा हिस्सा कर्ज और ब्याज की अदायगी में खर्च कर रही है। यह बोझ और बढ़ता जाएगा क्योंकि हर महीने नया कर्ज लिया जा रहा है।

वर्मा ने कहा कि माफिया के खिलाफ जिस कार्रवाई को सरकार अपनी उपलब्धि बता रही है वह दरअसल एक दिखावा है क्योंकि अवैध रेत उत्खनन और अवैध शराब व्यापार पर कार्रवाई नहीं हो रही है जबकि यह दोनों ही अपराध प्रदेश में एक बड़ी समस्या है।

मंत्री वर्मा ने कहा कि प्रदेश में अनुसूचित जाति-जनजाति वर्ग के नागरिकों पर अत्याचार लगातार बढ़ रहे हैं और बेरोजगारी अपने चरम पर है। उन्होंने कहा कि रोजगार मेलों के नाम पर दिखावा किया जा रहा है।

किसान और घरेलू उपभोक्ताओं को बड़े-बड़े बिजली के बिल थमाए जा रहे हैं। 12 हजार करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान बिना बिजली खरीदी किये ही कर दिया गया। सिंगाजी पावर प्लांट दो साल से बंद हैं।

इंदौर मेट्रो रेल परियोजना की लागत छह हजार करोड़ रुपये से बढ़ाकर आठ हजार करोड़ रुपये कर दी गई है। सिंचाई परियोजनाओं के लिए पाइप की खरीदी में गड़बड़ी की आज तक जांच पूरी नहीं हुई।

भ्रष्टाचार के मामले बढ़ते जा रहे हैं पर किसी वरिष्ठ अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई नहीं हो रही है। लोकायुक्त और राज्य आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ में सैंकड़ों मामले लंबित हैं।


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