MP कैबिनेट का फैसला- भोपाल, इंदौर व रीवा मेडिकल कॉलेज में कैंसर मरीजों को मिलेगी लीनियर एक्सीलेटर फैसिलिटी


सीएम शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में हुए मंत्रिमंडल की बैठक में मंगलवार को कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए।


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भोपाल Updated On :
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भोपाल। सीएम शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में हुए मंत्रिमंडल की बैठक में मंगलवार को कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए जिनमें से पहले फैसला था भोपाल, इंदौर और रीवा के मेडिकल कॉलेजों में कैंसर मरीजों के उपचार के लिए लीनियर एक्सीलेटर सुविधा उपलब्ध कराने के प्रस्ताव को दी गई अनुमति।

भोपाल, इंदौर और रीवा मेडिकल कॉलेजों से संबद्ध अस्पतालों में लीनियर एक्सीलेटर की स्थापना पीपीपी के तहत की जाएगी। संचालन का काम समाज सेवा से जुड़ी संस्था द्वारा किया जाएगा।

इसके साथ ही मुख्यमंत्री कृषक फसल उपार्जन सहायता योजना को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। साथ ही साथ मध्यप्रदेश के चचाई में 660 मेगावाट का नया पॉवर प्लांट लगेगा।

केंद्र सरकार ने मध्यप्रदेश की दो राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजना को स्वीकृति दी है। इसमें डिंडौरी-अमरकंटक और कुंडम-शहपुरा परियोजना शामिल है। 77 किलोमीटर डिंडौरी-अमरकंटक राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजना की लागत 329 करोड़ रुपये है। वहीं, 35.6 किलोमीटर लंबाई के कुंडम-शहपुरा मार्ग परियोजना की लागत 135 करोड़ रुपये है।

इसके अतिरिक्त अन्य कई प्रस्तावों को कैबिनेट द्वारा मंजूरी दी गई है जिसकी जानकारी राज्य के गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी।

उन्होंने बताया कि कोरोनाकाल में मध्यप्रदेश रोजगार उपलब्ध करवाने में अग्रणी राज्य रहा है। इसी क्रम में 12 जनवरी को उद्यम क्रांति योजना के तहत मुख्यमंत्री जी सहित सभी मंत्रीगण‌ स्वयं के या प्रभार वाले जिले में रोजगार मेले का आयोजन कर 3 लाख बेरोजगारों को लोन स्वीकृति पत्र देंगे।

कैबिनेट ने पशुपालन एवं डेयरी विभाग के अंतर्गत भारत सरकार की नवीन राष्ट्रीय पशुधन मिशन योजना का क्रियान्वयन प्रदेश में किए जाने का निर्णय लिया है। पशुधन मिशन योजना के अमल में आने से पशु नस्ल का विकास व पशुओं की उत्पादकता बढ़ेगी। साथ ही अनुसंधान की मदद से नवीन तकनीक का विकास कर उसे जमीनी स्तर तक पहुंचाना, नए रोजगार व उद्यमिता विकास भी संभव हो सकेगा।

कैबिनेट ने मुख्यमंत्री कृषक फसल उपार्जन सहायता योजना लागू करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। धान, गेहूं, मोटे अनाज, दलहन व तिलहन फसलों के उपार्जन कार्य में राज्य एजेंसियों की हानि की प्रतिपूर्ति करने तथा कृषकों की उपज नियमित रुप से समर्थन मूल्य पर क्रय हो, इसे सुनिश्चित करने के लिए मुख्यमंत्री कृषक फसल उपार्जन सहायता योजना लागू करने का निर्णय लिया गया है।

 


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