
मध्यप्रदेश सरकार ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के बजट में प्रदेश की सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहर को सहेजने के लिए एक अहम घोषणा की है। राज्य के प्रत्येक नगरीय निकाय में ‘गीता भवन’ का निर्माण किया जाएगा। इस योजना के लिए 100 करोड़ रुपये का प्रावधान रखा गया है।
क्या होगा ‘गीता भवन’ का उद्देश्य?
‘गीता भवन’ का निर्माण धार्मिक ग्रंथों, साहित्य, और वैज्ञानिक अनुसंधानों के अध्ययन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से किया जाएगा। इन भवनों में पुस्तकालय, ई-लाइब्रेरी, सभागार और साहित्य सामग्री बिक्री केंद्र जैसी आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध होंगी। यहां धार्मिक ग्रंथों का अध्ययन, सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन और साहित्यिक सामग्री का आदान-प्रदान संभव होगा।
पर्यटन और रोजगार को मिलेगा बढ़ावा
सरकार की इस पहल से धार्मिक पर्यटन को भी नया आयाम मिलेगा। ‘गीता भवन’ धार्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन के लिए आकर्षण का केंद्र बनेंगे, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। इसके अलावा, भवनों के निर्माण और संचालन से स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे।
ओंकारेश्वर में बनेगा ‘महालोक’
बजट में उज्जैन के ‘महाकाल लोक’ की तर्ज पर ओंकारेश्वर में ‘महालोक’ बनाने की भी घोषणा की गई है। यहां आचार्य शंकर अंतर्राष्ट्रीय अद्वैत वेदांत संस्थान और एक संग्रहालय की स्थापना की जाएगी, जिससे अद्वैत वेदांत दर्शन का प्रचार-प्रसार होगा।
‘राम पथ गमन’ और ‘श्रीकृष्ण पाथेय’ योजना को बढ़ावा
धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए ‘राम पथ गमन योजना’ के लिए 30 करोड़ रुपये और ‘श्रीकृष्ण पाथेय योजना’ के लिए 10 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इन योजनाओं के तहत भगवान श्रीराम और श्रीकृष्ण से जुड़े धार्मिक स्थलों का संरक्षण और विकास किया जाएगा।
वरिष्ठ नागरिकों को तीर्थ यात्रा की सुविधा
वरिष्ठ नागरिकों के लिए तीर्थ यात्रा योजना के तहत 50 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इस योजना के तहत दिव्यांगजनों को भी निःशुल्क यात्रा की सुविधा दी जाएगी।
प्रदेश सरकार एक तरह से जनता को यह समझाने की कोशिश कर रही है कि उसकी यह पहल राज्य की सांस्कृतिक विरासत को सहेजने और उसे नई पहचान दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। इसके साथ ही, धार्मिक पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा, जिससे प्रदेश की अर्थव्यवस्था को नई मजबूती मिलेगी।