
मध्य प्रदेश के वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 4 लाख 21 हजार 32 करोड़ रुपये का बजट पेश किया। सरकार ने इसे “विकसित मध्य प्रदेश” की दिशा में बड़ा कदम बताया, जबकि विपक्ष ने इसे “कर्ज़ का बजट” करार दिया है। आइए, बजट की प्रमुख घोषणाओं, योजनाओं और विपक्ष की प्रतिक्रियाओं पर गहराई से नज़र डालते हैं।
🏛️ बजट की प्रमुख घोषणाएं
1. आर्थिक विकास और निवेश
- 2 ट्रिलियन डॉलर जीडीपी का लक्ष्य:
सरकार ने अगले 22 वर्षों में राज्य की जीडीपी को 2 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचाने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है। - उद्योग वर्ष 2025-26:
आने वाला वर्ष उद्योग विकास को समर्पित रहेगा, जिसमें 18 नई औद्योगिक नीतियां लागू होंगी। - निवेश को बढ़ावा:
हाल ही में आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में 26 लाख करोड़ रुपये के एमओयू साइन हुए, जिनमें से 21 लाख करोड़ रुपये का निवेश प्रस्तावित है।
2. ⚙️ रोजगार और कौशल विकास
- 3 लाख रोजगार सृजन का लक्ष्य:
प्रदेश में 39 नए औद्योगिक क्षेत्रों का निर्माण किया जाएगा, जिससे 3 लाख युवाओं को रोजगार मिलेगा। - 22 नए आईटीआई:
युवाओं को कौशल विकास के लिए 22 नए औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आईटीआई) खोले जाएंगे। - स्टार्टअप नीति 2025:
नवाचार को बढ़ावा देने के लिए नई स्टार्टअप नीति लाई जाएगी।
3. 🌾 कृषि और ग्रामीण विकास
- किसान प्रोत्साहन योजना:
किसानों के लिए 5,220 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। - फसल बीमा योजना:
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लिए 2,000 करोड़ रुपये का प्रावधान है। - दुग्ध उत्पादन:
दुग्ध उत्पादकों को 5 रुपये प्रति लीटर प्रोत्साहन राशि दी जाएगी, जिसके लिए 50 करोड़ रुपये का बजट रखा गया है।
4. 👩🦰 महिला सशक्तिकरण
- लाड़ली बहना योजना:
इस योजना के लिए 18,679 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। हालांकि, इस बार राशि में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है। - महिलाओं को पेंशन योजना से जोड़ना:
लाभार्थियों को अटल पेंशन योजना और अन्य सामाजिक योजनाओं से जोड़ा जाएगा।
5. 🏥 स्वास्थ्य और शिक्षा
- सीएम केयर योजना:
गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए सीएम केयर योजना शुरू की जाएगी। - आंगनवाड़ी केंद्र:
नए 217 आंगनवाड़ी केंद्रों के निर्माण के लिए 350 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। - पोषण 2.0 योजना:
24,662 आंगनवाड़ी केंद्रों को सक्षम केंद्रों में परिवर्तित किया जाएगा, जिसके लिए 223 करोड़ रुपये का बजट है।
6. 🏗️ अवसंरचना और परिवहन
- सड़क विकास:
प्रदेश में सड़क निर्माण और मरम्मत के लिए 1.50 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। - हवाई संपर्क:
छिंदवाड़ा, नीमच, शहडोल, शिवपुरी, खंडवा, मंडला, झाबुआ और उज्जैन में हवाई पट्टियों का विकास किया जाएगा। - सुगम परिवहन योजना:
ग्रामीण परिवहन को बेहतर बनाने के लिए 20 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
7. ⚡ ऊर्जा और पर्यावरण
- सौर ऊर्जा का विस्तार:
राज्य में 5,000 मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है। - अविरल निर्मल नर्मदा योजना:
नर्मदा नदी के किनारे 10 किलोमीटर वन भूमि में पौधारोपण किया जाएगा, जिसके लिए 5,668 करोड़ रुपये का प्रावधान है।
8. 🏞️ पर्यटन और संस्कृति
- सिंहस्थ 2028 की तैयारी:
उज्जैन में आयोजित होने वाले सिंहस्थ महाकुंभ के लिए 2,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। - ओंकारेश्वर महालोक:
महाकाल लोक की तर्ज पर ओंकारेश्वर में ‘महालोक’ विकसित किया जाएगा।
🗣️ विपक्ष का तीखा प्रहार
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‘कर्ज़ का बजट’
कांग्रेस नेता उमंग सिंघार ने सरकार पर आरोप लगाया कि “राज्य पर पहले से ही 4.34 लाख करोड़ रुपये का कर्ज़ है, और इस बजट से यह बढ़कर 5.12 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच जाएगा।” -
रोजगार के दावों पर सवाल
माकपा नेता जसविंदर सिंह ने कहा कि “निजी क्षेत्र में रोजगार कम हो रहे हैं। 3 लाख रोजगार सृजन की बात केवल कागजों तक सीमित है।” -
लाड़ली बहनों के लिए राशि में कोई बढ़ोतरी नहीं
विपक्ष ने आरोप लगाया कि सरकार ने लाड़ली बहनों से किया गया राशि बढ़ाने का वादा पूरा नहीं किया है।
🏛️ सरकार का पक्ष
वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने कहा कि,
“यह बजट राज्य के सर्वांगीण विकास का दस्तावेज है। हमारा लक्ष्य है कि हर वर्ग तक विकास की पहुंच हो। युवा, किसान, महिला और ग्रामीण क्षेत्र के लिए यह बजट नई दिशा प्रदान करेगा।”
📈 क्या है चुनौती?
- कर्ज़ का बढ़ता बोझ:
राज्य पहले से ही भारी कर्ज़ के बोझ से जूझ रहा है। नए कर्ज़ को लेकर दीर्घकालिक रणनीति की आवश्यकता है। - रोजगार सृजन का असल स्वरूप:
बजट में रोजगार का वादा है, लेकिन निजी क्षेत्र में रोजगार घट रहे हैं, जिससे असली तस्वीर अस्पष्ट है। - ग्रामीण विकास:
आदिवासी इलाकों के विकास को लेकर गंभीर प्रयास जरूरी हैं।