मध्यप्रदेश विधानसभा के पांच दिवसीय शीतकालीन सत्र का पहला दिन सोमवार को विवाद और हंगामे के बीच बीता। प्रश्नकाल में केवल दो सवाल हो सके, जिसके बाद विपक्ष ने खाद संकट पर चर्चा की मांग को लेकर जोरदार हंगामा किया और सदन से वॉकआउट कर दिया। सत्र की कार्यवाही मंगलवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
सत्र की शुरुआत दो नए विधायकों के शपथ ग्रहण के साथ हुई। बुधनी से रमाकांत भार्गव और अमरवाड़ा से कमलेश शाह ने विधायक पद की शपथ ली। विजयपुर से निर्वाचित विधायक मुकेश मल्होत्रा अनुपस्थित रहे, जिससे उनका शपथ ग्रहण नहीं हो सका। इसके बाद दिवंगत नेताओं और शहीद जवानों को श्रद्धांजलि दी गई।
प्रश्नकाल के दौरान विधायक सुरेश राज्य और जयवर्धन सिंह के सवालों पर चर्चा हुई, लेकिन विपक्षी नेता उमंग सिंघार खाद संकट का मुद्दा उठाना चाहते थे। इसके जवाब में मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने बांग्लादेश निर्माण के ऐतिहासिक संदर्भ का जिक्र कर विपक्ष को टालने की कोशिश की। इस पर कांग्रेस ने सदन में हंगामा शुरू कर दिया और चर्चा से बचने का आरोप लगाते हुए वॉकआउट कर दिया।
विधानसभा में शिक्षा से जुड़े मुद्दों पर भी तीखी बहस हुई। पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह ने सागर जिले के एक विद्यालय में बच्चों के यौन शोषण की घटना का मामला उठाया और अशासकीय शैक्षणिक संस्थानों की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए। उन्होंने इसे बच्चों के भविष्य के लिए खतरनाक बताया और सरकार से सख्त नीति लाने की मांग की।
सत्र के पहले दिन सरकार ने कुछ विधेयक पेश किए, जिनमें मां शारदा देवी मंदिर पुनर्स्थापना विधेयक और विधानसभा अध्यक्ष व नेता प्रतिपक्ष के वेतन संशोधन विधेयक शामिल थे। इन पर सहमति बन गई।
सत्र के पहले दिन विपक्ष ने सरकार पर किसानों की समस्याओं को नजरअंदाज करने और खाद संकट पर चर्चा से भागने का आरोप लगाया। यह स्पष्ट है कि आगामी दिनों में सत्र के दौरान विपक्ष और सरकार के बीच तीखी नोकझोंक देखने को मिलेगी।