मध्य प्रदेश में लाखों परिवारों का मुफ्त खाद्यान्न योजना से नाम कटने का खतरा

केंद्र सरकार ने हाल ही में स्पष्ट किया है कि अगर कोई व्यक्ति एक माह तक खाद्यान्न नहीं लेता है, तो उस माह का कोटा अगले माह में नहीं दिया जाएगा।

मध्य प्रदेश में चार लाख से अधिक परिवार केंद्र सरकार द्वारा दी जाने वाली मुफ्त खाद्यान्न योजना का लाभ नहीं ले रहे हैं। इनमें से करीब पौने दो लाख परिवार ऐसे हैं, जिन्होंने पिछले छह महीनों से खाद्यान्न प्राप्त नहीं किया है। अब अगर ये परिवार सितंबर माह में भी उचित मूल्य की दुकान से अपना खाद्यान्न नहीं लेते हैं, तो इनका नाम खाद्य सुरक्षा योजना की सूची से हटा दिया जाएगा।

 

अंतिम चेतावनी: सूची से नाम कटने का खतरा

राज्य सरकार ने इन परिवारों को अंतिम मौका देते हुए उचित मूल्य की दुकानों के बाहर इनके नामों की सूची चस्पा कर दी है। खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग ने इसके साथ ही इन परिवारों को मोबाइल संदेश भी भेजे हैं, जिसमें स्पष्ट रूप से कहा गया है कि अगर वे किसी कारण से खाद्यान्न नहीं ले पा रहे हैं, तो जल्द से जल्द संबंधित अधिकारियों को इसकी सूचना दें। अन्यथा, उनके स्थान पर दूसरे पात्र परिवारों के नाम सूची में शामिल कर दिए जाएंगे और उन्हें खाद्यान्न देने की पात्रता पर्ची जारी कर दी जाएगी।

 

सरकार का निर्देश: मुफ्त खाद्यान्न का लाभ न लेने पर हटेंगे नाम

वर्तमान में राज्य में कुल 1 करोड़ 26 लाख 73 हजार 417 राशन कार्ड धारक हैं, जिनमें से पांच करोड़ से अधिक लोगों को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत मुफ्त खाद्यान्न प्राप्त हो रहा है। इस योजना का लाभ राज्यभर में स्थित 27 हजार 826 उचित मूल्य की दुकानों के माध्यम से वितरित किया जाता है। आदिवासी क्षेत्रों में, जहां दुकानों की उपलब्धता नहीं है, वहां खाद्यान्न को सीधे उपभोक्ताओं तक पहुँचाने के लिए वाहनों का उपयोग किया जा रहा है।

केंद्र सरकार ने हाल ही में स्पष्ट किया है कि अगर कोई व्यक्ति एक माह तक खाद्यान्न नहीं लेता है, तो उस माह का कोटा अगले माह में नहीं दिया जाएगा। साथ ही सरकार ने यह निर्देश भी जारी किया है कि जो परिवार लगातार छह महीनों तक खाद्यान्न नहीं लेते हैं, उनके नाम सूची से हटा दिए जाएं।

First Published on: August 14, 2024 3:34 PM