भोपाल। आर्थिक आधार पर आरक्षण के मुद्दे पर करणी सेना का भोपाल में हो रहा आंदोलन खत्म हो चुका है। करणी सेना के जीवन सिंह शेरपुर के साथ यहां बैठे लोगों ने भी अपना आमरण अनशन खत्म कर दिया है।
मध्यप्रदेश सरकार के मंत्री अरविंद सिंह भदौरिया ने शेरपुर को जूस पिलाकर उनका अनशन छुड़वाया। शेरपुर के मुताबिक राज्य सरकार ने उनकी 27 सूत्री मांगों में से 18 मांगों पर अपनी सहमति दी है और उन्हें हल करने के लिए आश्वासन भी दिया है।
इन सभी मांगों में भी ज्यादातर नई सरकारी भर्ती और नियुक्ति के बिंदु शामिल हैं। यानी आरक्षण जिसके लिए यह आंदोलन किया जा रहा था उसे लेकर फिलहाल राज्य सरकार ने कोई आश्वासन नहीं दिया है क्योंकि वह विषय उनके अधिकार क्षेत्र में नहीं है।
आंदोलन खत्म होने बाद करणी सेना के लोग गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा से भी मिले जिन्होंने मिठाई खिलाकर करणी सैनिकों का स्वागत किया।
भोपाल स्थित निवास पर करणी सेना के पदाधिकारियों से सौजन्य भेंट हुई। pic.twitter.com/chgzcVJL1V
— Dr Narottam Mishra (@drnarottammisra) January 11, 2023
ख़ास बात यह रही कि जब राज्य सरकार के दो मंत्री इन्हें जूस पिलाकर, मिठाई खिला रहे उसे कुछ समय पहले ही करणी सैनिक खुलेआम मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को अवैध रूप से गालियां दे रहे थे।
ऐसे कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हैं। इसके बाद लोग गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा और प्रदेश पुलिस से भी सवाल पूछ रहे हैं कि उन्होंने इस मामले में कार्रवाई क्यों नहीं की।
मप्र में #ईडब्ल्यूएस रिजर्वेशन देने के नतीजे आने लगे हैं!
मुख्यमंत्री @ChouhanShivraj को खुले मंच से करणी सेना द्वारा गालियां दी जा रही हैं!
गृह मंत्री @drnarottammisra और उनकी पुलिस @DGP_MP क्या कर रही है?
किसी को खुले मंच से अभद्र गालियां देना कहां तक जायज है?@OfficeOfKNath pic.twitter.com/FS0gJYG627— कमलेंद्र Kamlendra (@baagi_kamlendra) January 11, 2023
उल्लेखनीय है कि करणी सेना जिन 27 सूत्रीय मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रही थी उनमें आर्थिक आधार पर आरक्षण लागू करने से लेकर रोजगार और नियुक्ति की कई मांगें शामिल थीं।
रोजगार और नियुक्तियों का यह मुद्दा पिछले कुछ महीनों से मध्यप्रदेश में गर्म है इसके पीछे NEYU संगठन है जिन्होंने प्रदेश में रोजगार के मुद्दे को गर्मजोशी से उठाया।
हालांकि कुछ महीने पहले जब इस संगठन ने रोजगार की मांग करते हुए भोपाल में हजारों बेरोजगारों ने आंदोलन किया तब पुलिस ने इन पर लाठियां भांजी थी।
इसके बाद से ही तकरीबन सभी आंदोलनों और राजनीतिक दलों ने बेरोजगारी के विषय को गंभीरता से उठाया और करणी सेना ने भी अपने आंदोलन में यह मुद्दे शामिल किए। इसका लाभ यह हुआ कि उन्हें एक बड़ी संख्या में युवाओं का समर्थन मिला।
इससे पहले बुधवार को करणी सेना का प्रदर्शन भोपाल में जारी था अब यह प्रदर्शन महत्मा गांधी चौराहे पर हुआ। जहां संगठन के सदस्य और बड़ी संख्या में सर्मथक अपनी मांगों को लेकर अनशन पर बैठे।
इससे आसपास की एक बड़ी आबादी परेशान होती रही। पुलिस ने इसके लिए करणी सेना के जीवन सिंह शेरपुर से भी बात की, लेकिन उन्होंने मौके से हटने से मना कर दिया। शेरपुर ने पुलिस से कहा कि वे शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे हैं इसलिए उन्हें परेशान न किया जाए।
वहीं पुलिस का कहना है कि प्रदर्शन के लिए केवल एक दिन की अनुमति जंबूरी मैदान के लिए ली गई थी और अब जो प्रदर्शन हो रहा है वह बिना अनुमति के आम रास्ते को रोककर हो रहा है। इससे आसपास रहने वाली बड़ी आबादी परेशान हैं। पुलिस ने इस इलाके में तीन हजार पुलिसकर्मी तैनात किये हैं।
करणी सेना की ओर से कभी भाजपा को वोट न देने की कसम खाई जा रही हैं। वहीं खंडवा में तो सीएम शिवराज सिंह चौहान के पुतले भी जलाए गए।
सीएम शिवराज के खिलाफ जहां एक ओर इस तरह का गुस्सा दिखाया जा रहा है तो गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने कहा है कि प्रदर्शनकारी हमारे अपने हैं। कोई गैर नहीं। हम भाइयों में आपस में कोई बैर नहीं। उनसे चर्चा करेंगे, आग्रह करेंगे, निवेदन करेंगे। मेरा मानना है कि हमारे स्वजन हैं, मान जाएंगे।
करणी सेना अपनी 27 सूत्रीय मांगों को लेकर यह प्रदर्शन कर रही थी। इनमें आर्थिक आधार पर आरक्षण और एट्रोसिटी एक्ट में संशोधन की मांगें अहम हैं।
इन मांगों को पूरा करने के लिए करणी सेना के सदस्यों ने प्रदर्शन के दिन रविवार को शाम चार बजे तक सरकार से इन पर जवाब मांगा था और जब उन्हें जवाब नहीं मिला तो पांच सदस्यों ने सरकार से उनकी मांगें माने जाने तक आमरण अनशन शुरू कर दिया।
अनशन करने वालों में करणी सेना के जीवन सिंह शेरपुर, शैलेंद्र सिंह झाला, विनोद सुनार्थी, लल्लन राजपूत, चंदन बोढ़ाना और मानवेंद्र सेंगर शामिल थे।