केंद्रीय कृषि विकास और किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार को भोपाल स्थित अपने निवास पर मीडिया से बातचीत में कृषि क्षेत्र की नई योजनाओं और किसानों की समस्याओं पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने बताया कि अब राजस्व अमला किसानों के रिकॉर्ड और फसल नुकसान के सर्वे में हेरफेर नहीं कर सकेगा। इसके लिए केंद्र सरकार “डिजिटल एग्रीकल्चर मिशन” का गठन कर रही है, जिससे किसानों को नुकसान का सही मुआवजा मिल सकेगा।
डिजिटल एग्रीकल्चर मिशन की शुरुआत
मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि अब राजस्व अमला डिजिटलाइजेशन के बाद किसानों की हर डिटेल का रिकॉर्ड रखेगा। इससे हेरफेर की संभावना खत्म होगी। किसानों की फसलों का फोटो सर्वेक्षण किया जाएगा और नुकसान के आकलन के बाद ही मुआवजा प्रदान किया जाएगा। इसके लिए केंद्र सरकार ने दो नई योजनाओं को मंजूरी दी है- प्रधानमंत्री राष्ट्रीय कृषि विकास योजना और कृषि उन्नति योजना। इन योजनाओं के तहत एक लाख 1321 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
खाद्य तेलों में आत्मनिर्भरता की योजना
चौहान ने बताया कि 2022-23 में देश में खाद्य तेल की कुल मांग 29.2 मिलियन टन थी, जबकि उत्पादन सिर्फ 12.7 मिलियन टन हुआ। बाकी की मांग को पूरा करने के लिए आयात पर निर्भर रहना पड़ता है। इस कमी को दूर करने के लिए केंद्र सरकार ने “खाद्य तेल मिशन तिलहन” की शुरुआत की है।
किसानों को मुफ्त बीज और ट्रेनिंग
किसानों को तिलहन और ऑयल सीड्स का उत्पादन बढ़ाने के लिए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) के माध्यम से मुफ्त बीज और तकनीकी ट्रेनिंग दी जाएगी। इसके लिए देशभर में 65 नए बीज केंद्र और 50 भंडारण इकाइयां बनाई जाएंगी।
हर साल 10 लाख हेक्टेयर में खेती का लक्ष्य
देशभर में हर साल 10 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में खेती का लक्ष्य रखा गया है। उच्च गुणवत्ता के बीजों के उत्पादन के लिए 600 क्लस्टर बनाए जाएंगे। साथ ही, किसानों को बेहतर तकनीक और ट्रेनिंग मुहैया कराई जाएगी ताकि खेती को उन्नत बनाया जा सके।
राज्यों को योजनाएं चुनने की आजादी
शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि राज्य अपनी जरूरतों के हिसाब से योजनाओं का चयन कर सकते हैं। केंद्र सरकार ने इस बार योजनाओं में लचीलापन रखा है ताकि राज्य आवश्यकता अनुसार फंड का उपयोग कर सकें।
कांग्रेस की आलोचना
केंद्रीय मंत्री ने कांग्रेस पर भी निशाना साधा और कहा कि कांग्रेस की प्राथमिकता में कभी खेती या किसान नहीं रहे। उन्होंने कहा कि सिर्फ विरोध करना ही उनका काम है, लेकिन केंद्र सरकार किसानों की बेहतरी के लिए निरंतर काम कर रही है।