संविधान उत्सव: दुष्यंत संग्रहालय में गूंजे संविधान के सुर और गीत


दुष्यंत कुमार संग्रहालय में संविधान उत्सव के तहत एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें विभिन्न कलाकारों और विचारकों ने संविधान और मानवीय मूल्यों पर आधारित रचनात्मक प्रस्तुतियां दीं। कार्यक्रम में पद्मश्री कालूराम वामन्या, बाबूलाल दाहिया, और अली अब्बास उम्मीद जैसे प्रमुख कलाकारों ने अपनी प्रस्तुति से श्रोताओं का मन मोह लिया।


DeshGaon
भोपाल Published On :

देशभर में संविधान के 75वें वर्ष को मनाने के लिए आयोजित कार्यक्रमों की श्रृंखला के तहत सोमवार को भोपाल के दुष्यंत कुमार संग्रहालय में संविधान उत्सव का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में संवैधानिक मूल्यों पर केंद्रित रचनात्मक प्रस्तुतियों ने दर्शकों का मन मोह लिया।

 

कार्यक्रम का आरंभ नेशनल फाउंडेशन फॉर इंडिया के सत्येंद्र पांडे द्वारा किया गया, जिन्होंने “संविधान से हम” अभियान के बारे में जानकारी देते हुए सभी का स्वागत किया। इस आयोजन में कई प्रसिद्ध कलाकारों ने अपनी प्रस्तुतियों से संविधान के प्रति अपनी भावना व्यक्त की।

पद्मश्री कालूराम वामन्या और पद्मश्री बाबूलाल दाहिया ने अपने गीतों से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। वहीं, अली अब्बास उम्मीद ने मानवीय मूल्यों पर आधारित ग़ज़लों का पाठ किया। बाल कहानियों के वाचन में उपासना बेहर ने हिस्सा लिया, जबकि तारासिंह डोडवे ने संविधान पर आधारित स्वरचित मालवी गीत प्रस्तुत किए। तत्संग बैंड और समतर बैंड के कलाकारों ने अपने गीतों से संवैधानिक मूल्यों को जीवंत कर दिया।

 

कार्यक्रम के समापन पर, पद्मश्री कालूराम वामन्या ने कबीर के गीतों को मालवी शैली में प्रस्तुत किया, जो श्रोताओं के बीच बेहद सराहा गया।

 

इस अवसर पर नेशनल फाउंडेशन फॉर इंडिया के इप्सा सारंगी, महताब आलम और राधिका रल्हान ने कलाकारों को सम्मानित किया। कार्यक्रम के अंत में, विकास संवाद समिति के राकेश कुमार मालवीय ने आभार व्यक्त किया।

 

यह आयोजन विकास संवाद समिति, नेशनल फाउंडेशन फॉर इंडिया, और शेडो संस्था, टिमरनी द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया गया।



Related