नवरात्र के पहले दिन उपचुनाव का मैनिफेस्टो जारी करते हुए कांग्रेस ने उसे देवी के नाम समर्पित कर दिया है। देवी यानी रानी लक्ष्मीबाई, जिनकी प्रतिमा और शौर्य स्मारक ग्वालियर चंबल क्षेत्र में लगाने का वादा कर के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ज्योतिरादित्य सिंधिया के गढ़ में खम ठोंक दिया है जिन्हें वे अपना सबसे बड़ा सियासी दुश्मन मानते हैं क्योंकि उन्हीं के चलते कांग्रेस की सरकार राज्य में गिरी थी।
कुल 28 सीटों पर हो रहे उपचुनावों के लिए अपने 52 वचनपत्रों को लेकर मैदान में उतरी कांग्रेस का सारा निशाना सिंधिया परिवार पर ही है। उसके लिए कांग्रेस ने इतिहास में जाकर झांसी की रानी लक्ष्मीबाई का सहारा लिया है, हालांकि वर्तमान में कमलनाथ का पासा पार्टी के भीतर ही उलटा पड़ गया है।
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कांग्रेस नेता मानक अग्रवाल ने वचन पत्र पर यह कह कर सवाल उठा दिया है कि उसमें राहुल गांधी और दिग्विजय सिंह की तस्वीर गायब है। अग्रवाल का कहना है कि मध्य प्रदेश में कांग्रेस ने चुनाव राहुल गांधी के नाम पर जीता था जबकि दिग्विजय सिंह के समर्थकों की बड़ी फौज है। ऐसे में दोनों की तस्वीरें मैनिफेस्टो में होनी चाहिए थी।
आज विमोचन के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ, दिग्विजय सिंह, जीतू पटवारी, नरेंद्र सलूजा आदि कई कांग्रेसी नेता कार्यक्रम में मौजूद रहे, लेकिन बग़ावत के स्वर तुरंत उठना शुरू हो गये। अब कमलनाथ की दिक्कत ये है कि उनसे मामला संभाले नहीं संभल रहा।
We won elections in Madhya Pradesh under Rahul Gandhi's name & Digvijaya Singh has an army of followers in the state, so their photos should definitely be there: Congress Leader Manak Agarwal on photos of Rahul Gandhi & Digvijaya Singh missing from the Congress Vachan Patra in MP pic.twitter.com/ytoPF8mdli
— The Times Of India (@timesofindia) October 15, 2020
दूसरी ओर दिलचस्प बात ये है कि जिस सिंधिया को कमलनाथ चुनौती देने के चक्कर में हैं, खुद उनकी तस्वीर भारतीय जनता पार्टी ने अपने चुनावी रथों पर नहीं लगायी है।
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कांग्रेस के वादों में अबकी पिछली बार शेष रहे 27 लाख किसानों का कर्ज पूरा माफ करना, गौधन सेवा योजना लागू करना, कोरोना संक्रमण के कारण परिवार के वरिष्ठ सदस्य की मृत्यु पर उन्हें नौकरी और पेंशन देने, बिना ब्याज कर्ज देना, व्यापारियों के लिए पचास हजार तक का कर्ज देना जैसे वादे शामिल हैं। कमलनाथ ने कहा कि उन्होंने मध्यप्रदेश के विकास के लिए तीन साल का नक्शा तैयार किया है।