मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने बुधवार को ‘सबकी योजना, सबका विकास’ अभियान की शुरुआत की। यह अभियान पंचायतों के सर्वांगीण विकास के उद्देश्य से देशभर में चलाया जा रहा है। इस योजना का प्रमुख लक्ष्य देश की पंचायतों को विकास की मुख्यधारा से जोड़ना है, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में व्यापक और सतत विकास सुनिश्चित हो सके।
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने अपने संबोधन में कहा, “पंचायतें हमारी लोकतांत्रिक व्यवस्था की सबसे जमीनी और मजबूत इकाई हैं। गांवों के विकास में पंचायतों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है।” मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि इस योजना के माध्यम से प्रदेश के हर गांव को विकास का सीधा लाभ मिलेगा।
योजना की रूपरेखा और कार्यान्वयन
इस अभियान के तहत हर पंचायत को अपनी विकास योजना तैयार करनी होगी। इसके अंतर्गत गरीबी उन्मूलन, शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यावरण संरक्षण और बुनियादी ढांचे के विकास जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर ध्यान दिया जाएगा। योजना का उद्देश्य समावेशी विकास का मॉडल तैयार करना है, ताकि हर गांव तक योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन हो सके। पंचायती राज मंत्रालय ने इस योजना को सतत विकास लक्ष्यों (Sustainable Development Goals) के साथ जोड़ा है, ताकि देशभर की पंचायतों का समग्र और समावेशी विकास सुनिश्चित हो सके।
ग्रामीणों से सक्रिय भागीदारी का आह्वान
मुख्यमंत्री ने प्रदेश के सभी लोगों से आग्रह किया कि वे ग्राम सभाओं में सक्रिय भागीदारी निभाएं। उन्होंने कहा, “ग्राम सभा में आपकी भागीदारी ही इस विकास को जमीन पर उतारेगी। यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘विकसित भारत’ के संकल्प में हमारी आहुति होगी।” उन्होंने आगे कहा कि ‘सबकी योजना, सबका विकास’ का उद्देश्य प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘सबका साथ, सबका विकास’ की अवधारणा को धरातल पर लाना है।
अभियान के तहत नए कदम
इस योजना के अंतर्गत पंचायती राज मंत्रालय ने डिजिटल माध्यमों का भी उपयोग करने की योजना बनाई है। ग्राम पंचायतों की योजनाओं और विकास कार्यों की निगरानी के लिए विशेष पोर्टल और मोबाइल एप्लिकेशन विकसित किए जा रहे हैं। इसके माध्यम से पंचायतों की योजनाओं की पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित की जाएगी।
ऑनलाइन शोध से प्राप्त जानकारी
यह अभियान केवल मध्य प्रदेश तक सीमित नहीं है; इसे राष्ट्रीय स्तर पर चलाया जा रहा है। ‘सबकी योजना, सबका विकास’ की पहल को ग्राम पंचायत विकास योजना (GPDP) के रूप में जाना जाता है। केंद्र सरकार इस योजना के तहत हर पंचायत को योजना निर्माण में जनता की भागीदारी सुनिश्चित करने पर जोर दे रही है। इसके तहत हर पंचायत को 29 विषयों पर अपनी योजना बनाने का अधिकार होगा।