भोपाल की मल्टी से लापता 5 साल की बच्ची का शव मिला, स्थानीय लोगों में आक्रोश


भोपाल के शाहजहांनाबाद की बाजपेयी नगर मल्टी में 5 साल की बच्ची का शव पानी की टंकी में मिला। बच्ची मंगलवार से लापता थी और उसकी तलाश में 100 से अधिक पुलिसकर्मी जुटे थे। पुलिस ने अपहरण की आशंका जताते हुए चार संदिग्धों को हिरासत में लिया है।


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भोपाल Updated On :

शाहजहानाबाद के बाजपेयी नगर मल्टी में मंगलवार को लापता हुई 5 वर्षीय बच्ची का शव मिला। सृष्टि नाम की इस मासूम बच्ची की तलाश में 36 घंटे से ज्यादा समय से पांच थानों के 100 से अधिक पुलिसकर्मी जुटे थे। घटना के बाद से इलाके में आक्रोश और भय का माहौल है।

मंगलवार को सृष्टि अपनी दादी के साथ मल्टी की दूसरी मंजिल पर बड़े पापा के घर आई थी। इसी दौरान वह दादी से किताब लाने की बात कहकर नीचे अपने फ्लैट में लौट गई। उस समय उसके माता-पिता घर पर नहीं थे। इसी बीच नगर निगम के कर्मचारी फॉगिंग के लिए मल्टी में धुआं कर रहे थे। जब काफी देर तक सृष्टि वापस नहीं आई, तो उसकी दादी ने उसकी तलाश शुरू की। परंतु, कहीं सुराग न मिलने पर पुलिस को इसकी सूचना दी गई।

पुलिस की कार्रवाई

पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए अपहरण का केस दर्ज कर तुरंत जांच शुरू की। बच्ची की तलाश में 100 से ज्यादा पुलिसकर्मियों को लगाया गया, जिनमें पांच थानों की टीम, ड्रोन, डॉग स्क्वॉड और साइबर पुलिस शामिल थी। CCTV की जांच और इलाके के लोगों से पूछताछ के बाद भी कोई ठोस जानकारी नहीं मिल पाई थी।

शव का मिलना और स्थानीय आक्रोश

गुरुवार को पुलिस ने उसी मल्टी की बिल्डिंग नंबर एक की पानी की टंकी में बच्ची का शव पाया। इस खबर के बाद स्थानीय लोगों में आक्रोश फैल गया। लोगों का कहना है कि घटना की गंभीरता को देखते हुए पुलिस की कार्यवाही में लापरवाही बरती गई है। उन्होंने आरोप लगाया कि एक फ्लैट संदिग्ध था, जिसे खुलवाने की मांग की गई थी, लेकिन पुलिस ने उस पर ध्यान नहीं दिया। इस आक्रोश के चलते स्थानीय लोगों ने पथराव भी किया।

पुलिस ने चार संदिग्धों को हिरासत में लिया

शव मिलने के बाद पुलिस ने इस मामले में चार लड़कों को हिरासत में लिया है। अब पुलिस मामले की गहराई से जांच कर रही है। घटना से क्षेत्र में दहशत का माहौल है और स्थानीय लोग पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठा रहे हैं।

भोपाल में बच्चों और महिलाओं के खिलाफ लगातार अपराध बढ़ रहे हैं और यही हाल प्रदेश भर का है। यह घटनाएं प्रदेश की कानून और सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठा रहीं हैं।

 



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