भोपाल। प्रदेश सरकार ने सरकारी स्कूलों की दशा सुधारने के लिए शिक्षकों के लिए एक अहम फैसला लिया है। इस फैसले के तहत शिक्षकों को दूसरे विभागों में अब अटैच नहीं किया जाएगा। वहीं जो शिक्षक पहले से ही अन्य विभागों में अटैच किए गए हैं उन्हें उनके मूल विभाग यानी शिक्षा विभाग में वापस बुलाया जाएगा। सरकार ने इसके लिए सभी जिले के शिक्षा अधिकारियों को पत्र लिखकर शिक्षकों के अटैचमेंट समाप्त करने के लिए कहा है।
लोक शिक्षण संचालनालय के द्वारा यह आदेश 18 दिसंबर को जारी किए गए हैं और जिला शिक्षा अधिकारियों से सभी शिक्षकों को 19 दिसंबर तक शिक्षकों को उनके गैरशैक्षणिक विभागों से हटाकर उन्हें स्कूलों में रखने के लिए कहा गया है। लोक शिक्षण संचालक केके द्विवेदी ने इस बात पर नाराज़गी जताई है कि पहले से स्पष्ट निर्देशों के बावजूद भी कई जिलों में अभी तक शिक्षकों को गै़र शिक्षकीय कार्य में संलग्न रखा गया है।
इसके बाद संभवतः शिक्षकों को उनके मूल पद पर स्कूलों में पढ़ाने के लिए भेजा जाएगा हालांकि इस आदेश का कितना पालन होगा यह कहना मुश्किल है क्योंकि पहले भी कई बार जिला शिक्षा अधिकारियों को इस तरह के निर्देश दिए जा चुके हैं लेकिन उन्होंने इसे गंभीरता से नहीं लिया है। स्वयं विभाग के प्रमुख अधिकारी ने इस पर अपनी नाराज़गी भी जताई है।
शिक्षकों को अगर उनके मूल पदों पर भेजा जाता है तो कहा जा सकता है कि स्कूलों में पढ़ाई सुधरेगी क्योंकि प्रदेश के स्कूलों में शिक्षकों की कमी है। हालांकि शिक्षक इससे कितने खुश होते हैं यह कहना मुश्किल है क्योंकि बहुत से शिक्षक अपनी व्यक्तिगत परेशानियों के चलते इस तरह खुद को गैर शैक्षणिक कार्यों में अटैच करवा लेते हैं।