
करोड़ों रुपये के सोने और नकदी के मामले में गिरफ्तार परिवहन विभाग के पूर्व कांस्टेबल सौरभ शर्मा, उनके साथी चेतन गौर और शरत जायसवाल को मंगलवार को लोकायुक्त मामले में अदालत से जमानत मिल गई। हालांकि, तीनों आरोपी अभी जेल से बाहर नहीं आएंगे, क्योंकि उनके खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का भी मामला दर्ज है।
कोर्ट ने लोकायुक्त की देरी पर जताई नाराजगी
लोकायुक्त की विशेष न्यायाधीश राम प्रताप मिश्र ने आरोपियों को जमानत देते हुए लोकायुक्त की कार्यशैली पर सवाल उठाए। दरअसल, अदालत में यह मामला इसलिए आया क्योंकि लोकायुक्त ने तय समय (60 दिन) के भीतर चालान पेश नहीं किया। 28 मार्च को 60 दिन पूरे होने के बावजूद आरोपियों के खिलाफ अदालत में चार्जशीट दाखिल नहीं की गई, जिससे अदालत को उन्हें जमानत देने का फैसला करना पड़ा।
ईडी के मामले में अभी जेल में रहेंगे आरोपी
भले ही लोकायुक्त के केस में जमानत मिल गई हो, लेकिन आरोपियों के खिलाफ प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट और मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत ईडी की जांच जारी है। इस मामले में 10 अप्रैल तक चालान पेश किया जाना है। अगर ईडी भी चार्जशीट दाखिल करने में देरी करती है, तो आरोपियों को इस मामले में भी जमानत मिल सकती है और वे जेल से बाहर आ सकते हैं।
क्या है पूरा मामला?
पूर्व आरटीओ कांस्टेबल सौरभ शर्मा पर अवैध तरीके से अकूत संपत्ति अर्जित करने का आरोप है। 27 दिसंबर को लोकायुक्त पुलिस और अन्य जांच एजेंसियों ने भोपाल, ग्वालियर और जबलपुर में उनके रिश्तेदारों और सहयोगियों के ठिकानों पर छापेमारी की थी। इस दौरान 52 किलो सोना और 10 करोड़ रुपये नकद बरामद किए गए थे।
इसके बाद 28 जनवरी को सौरभ शर्मा ने अदालत में आत्मसमर्पण करने की कोशिश की, लेकिन लोकायुक्त ने उन्हें कोर्ट के बाहर से ही गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ के दौरान उनकी निशानदेही पर उनके दो सहयोगियों चेतन गौर और शरत जायसवाल को भी गिरफ्तार किया गया था।
अब आगे क्या?
ईडी को 10 अप्रैल तक चालान पेश करना होगा। अगर चार्जशीट समय पर दाखिल नहीं होती, तो आरोपियों को इस मामले में भी जमानत मिल सकती है।
लोकायुक्त की कार्रवाई पर सवाल उठे हैं, जिससे भविष्य में इस केस की जांच पर असर पड़ सकता है।
सोने और कैश की बरामदगी को लेकर आरोपियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की जा रही है, जिससे मामला और गंभीर हो सकता है।
फिलहाल, सौरभ शर्मा और उनके साथी जेल में ही रहेंगे, लेकिन अगर ईडी भी लोकायुक्त की तरह चालान पेश करने में देरी करती है, तो जल्द ही उन्हें जेल से बाहर आने का मौका मिल सकता है।