भोपाल: चपरासी ने 10 करोड़ की सरकारी राशि का गबन किया, बैंक मैनेजर समेत 6 गिरफ्तार


पुलिस ने नौ करोड़ रुपए बरामद कर लिए हैं। पुलिस ने सेंट्रल बैंक के मैनेजर को मुख्य आरोपी बनाया है।


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भोपाल Published On :
दस करोड़ का गबन, आरोपी ब्रजेंद्र नामदेव

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में सरकारी धन के गबन का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। बीज प्रमाणीकरण विभाग में काम करने वाले एक चपरासी ने 10 करोड़  का गबन किया। इस गबन को अंजाम देने के लिए उसने बैंक मैनेजर समेत अन्य सहयोगियों के साथ मिलकर योजनाबद्ध तरीके से काम किया। पुलिस ने चपरासी समेत कुल 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जबकि सेंट्रल बैंक का तत्कालीन मैनेजर अभी फरार है।

पुलिस के मुताबिक, आरोपियों ने बैंक में 50 से अधिक फर्जी करंट अकाउंट खोले और सरकारी योजनाओं के नाम पर इन खातों में पैसे ट्रांसफर किए। उन्होंने इन फर्जी खातों से 10 करोड़ रुपये की दो फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) तोड़कर राशि को निजी खातों में ट्रांसफर कर लिया। 

जांच में पता चला कि…

  • बीज प्रमाणीकरण विभाग ने 30 नवंबर 2023 को सेंट्रल बैंक की इमामी गेट ब्रांच में 5-5 करोड़ रुपये की दो एफडी बनवाई थीं।
  • जांच में पता चला कि ये एफडी तोड़कर पूरी राशि चपरासी बृजेंद्र दास नामदेव के एचडीएफसी बैंक अकाउंट में ट्रांसफर की गई।
  • एफडी पर मिले 66 लाख रुपये के ब्याज की राशि भी दास के खाते में पहुंच गई।

इस तरह उजागर हुआ मामला

बीज प्रमाणीकरण विभाग के प्रमुख सुखदेव प्रसाद अहिरवार ने सितंबर में इस गबन की शिकायत दर्ज कराई। ऑडिट के दौरान पता चला कि एफडी तोड़ी गई और राशि फर्जी कागजों का इस्तेमाल करके ट्रांसफर की गई। पुलिस ने मामले में आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज किया है।

पुलिस को अपनी जांच में पता चला है कि आरोपियों ने गबन की राशि को ठिकाने लगाने के लिए पहले से एक प्लान तैयार कर रखा था। उन्होंने इस पैसे को जमीन खरीदी में लगाने की योजना बनाई थी। उनका इरादा इन जमीनों पर लोन लेकर गबन की गई रकम चुकाने का था और साथ ही सरकारी योजनाओं के तहत सब्सिडी हासिल करने का भी प्रयास था। लेकिन ऑडिट में हेराफेरी पकड़ में आने के बाद आरोपियों की साजिश उजागर हो गई और वे पकड़े गए।पुलिस का कहना है कि सेंट्रल बैंक मैनेजर की गिरफ्तारी के बाद अन्य अधिकारियों की संलिप्तता और अन्य घोटालों का पता लगाया जाएगा।

भोपाल के पुलिस कमिश्नर हरिनारायणचारी मिश्रा ने मामले का खुलासा करते हुए बताया कि अब तक 9 करोड़ रुपये बरामद कर लिए गए हैं। सेंट्रल बैंक का तत्कालीन मैनेजर नोएल सिंह इस घोटाले का मुख्य साजिशकर्ता बताया जा रहा है। नोएल सिंह का तबादला मुंबई हो चुका है और वह फरार है। पुलिस उसके मोबाइल को ट्रेस करने की कोशिश कर रही है।


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