स्वास्थ्य सेवाओं में लैंगिक असमानता: मनोहर अगनानी ने बताए समाधान के रास्ते

अज़ीम प्रेमजी विश्वविद्यालय, भोपाल ने विजयाश्री आयुर्वेद कॉलेज के साथ मिलकर स्वास्थ्य सेवाओं में लैंगिक असमानता पर एक सेमिनार आयोजित किया। सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी और सार्वजनिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ मनोहर अगनानी ने महिलाओं की स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुँच में बाधा बनने वाले सामाजिक कारकों पर जोर देते हुए, इन चुनौतियों को दूर करने के लिए सामाजिक भागीदारी की आवश्यकता पर बल दिया।

अज़ीम प्रेमजी विश्वविद्यालय, भोपाल और विजयाश्री आयुर्वेद कॉलेज, जबलपुर के संयुक्त तत्वावधान में स्वास्थ्य सेवाओं में लैंगिक भेदभाव और उसकी चुनौतियों पर एक विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम विजयाश्री आयुर्वेद कॉलेज एंड हॉस्पिटल के परिसर में आयोजित किया गया, जिसमें आयुर्वेद, नर्सिंग और शिक्षा से जुड़े छात्र-छात्राओं ने बड़ी संख्या में हिस्सा लिया।

 

मुख्य वक्ता के रूप में अज़ीम प्रेमजी विश्वविद्यालय, भोपाल के पब्लिक हेल्थ विभाग के वरिष्ठ प्राध्यापक और भारतीय प्रशासनिक सेवा से सेवानिवृत अधिकारी मनोहर अगनानी ने “स्वास्थ्य सेवाओं में लैंगिक असमानता की चुनौतियों और उनके समाधान” पर अपने विचार व्यक्त किए। अगनानी ने बताया कि स्वास्थ्य के सामाजिक पहलुओं को समझे बिना इसकी मूल समस्याओं का समाधान नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा, “हमारा सामाजिक ढांचा ऐसा है जिसमें महिलाओं के स्वास्थ्य को प्राथमिकता नहीं दी जाती, जिसके चलते महिलाओं को स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुँचने में कठिनाई होती है।”

उन्होंने यह भी बताया कि भले ही देश में स्वास्थ्य सेवाओं में नीतिगत सुधार हो रहे हैं और कई सेवाएँ मुफ्त उपलब्ध कराई जा रही हैं, लेकिन यदि समाज की सक्रिय भागीदारी नहीं होगी, तो ये योजनाएँ अपने लक्ष्य तक नहीं पहुँच पाएंगी। उन्होंने यह भी रेखांकित किया कि हेल्थकेयर प्रोफेशनल्स की इसमें महत्वपूर्ण भूमिका है, क्योंकि वे इस बदलाव का नेतृत्व कर सकते हैं।

 

अगनानी ने अपने व्याख्यान में एक महत्वपूर्ण आंकड़ा साझा किया कि अस्पतालों में बाल मृत्यु दर के आंकड़ों के अनुसार, बालकों की मृत्यु दर अधिक होती है, जबकि घरों में यह आंकड़ा लड़कियों के लिए ज्यादा है। इससे स्पष्ट होता है कि बेटियों को स्वास्थ्य सेवाओं की पहुँच में अधिक चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। यह समस्या केवल स्वास्थ्य सेवाओं की कमी नहीं है, बल्कि इसका संबंध हमारी सामाजिक संरचना से भी है। उन्होंने जोर देकर कहा कि सामाजिक जागरूकता बढ़ाकर इस स्थिति को सुधारा जा सकता है।

इस आयोजन के दौरान छात्रों के साथ सवाल-जवाब सत्र भी आयोजित किया गया, जिसमें अगनानी ने समाज में व्याप्त मिथकों और भ्रांतियों को वैज्ञानिक दृष्टिकोण से देखने और समाधान खोजने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने छात्रों को भविष्य के हेल्थकेयर प्रोवाइडर्स के रूप में सामाजिक-आर्थिक, राजनैतिक और तकनीकी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य सेवाओं को समझने की सलाह दी।

 

कार्यक्रम के अंत में विजयाश्री आयुर्वेद कॉलेज के संस्थापक राजेश स्थापक ने धन्यवाद ज्ञापन दिया, जबकि अज़ीम प्रेमजी विश्वविद्यालय के सत्यम श्रीवास्तव ने अज़ीम प्रेमजी फाउंडेशन के कार्यों का परिचय दिया। इस व्याख्यान में करीब 150 छात्र-छात्राओं और कॉलेज के प्राध्यापकों ने भाग लिया, जो कार्यक्रम की सफलता को दर्शाता है।

 

अज़ीम प्रेमजी विश्वविद्यालय, भोपाल द्वारा यह व्याख्यान श्रृंखला का पहला आयोजन था, और भविष्य में ऐसे व्याख्यान मध्य प्रदेश के अन्य जिला मुख्यालयों में भी आयोजित किए जाने की योजना है, जिससे समाज में स्वास्थ्य सेवाओं और लैंगिक समानता को लेकर जागरूकता फैलाई जा सके।

First Published on: September 18, 2024 10:28 PM