भोपाल। कुछ दिनों पहले तक जहां शराबबंदी की बहस तेज़ होती दिख रही थी वहीं अब नई शराब नीति पर बात हो रही है।और इसके तहत अब शराब की होम डिलेवरी तक की जाएगी। इसके लिये मसौदा तैयार हो चुका है और आबकारी मंत्री जगदीश देवड़ा के अनुमोदन के बाद इसे मुख्यमंत्री के पास भेजा जाएगा। प्रदेश के लिये यह नीति ऐतिहासिक होगी और अगर यह पूरी तरह लागू होती है तो शराब कारोबार और शराब के ग्राहकों को बड़े परिवर्तन से गुज़रना होगा।
प्रदेश में ज़हरीली शराब के मामलों के बाद सरकार की इसे लेकर चिंता बढ़ गई थी। ऐसे में इस आबकारी नीति में कुछ और महत्वपूर्ण बिन्दू जोड़े गए हैं। शराब की होम डिलेवरी जहां सुविधाजनक कर दी गई है तो अब दुकान से शराब खरीदने पर वहां से बिल भी मिलेगा। कुल मिलाकर सरकार शराब व्यवसायियों की जवाबदारी तय कर रही है। ऐसे में अवैध शराब के कारोबार पर भी काफी हद तक रोक लगाई जा सकेगी।
खबरों की मानें तो अब शराब खरीदने के लिए ओटीपी नंबर भी ग्राहक के मोबाइल में आएगा और इसी नंबर के मुताबिक होम डिलेवरी की जाएगी। ग्राहक के बारे में जानकारी के लिए आधार कार्ड भी ज़रूरी किया जाएगा। यह प्रयोग छत्तीसगढ़ में किया जा चुका है और संभव है कि आने वाले दिनों में यह मध्यप्रदेश में भी किया जाए।
इससे अलग आबकारी नीति में जो दूसरे परिवर्तन किये जा रहे हैं उनके बाद व्यवसायिकता भी बढ़ेगी और सरकार को इससे बेहतर राजस्व मिल सकेगा।
इस नीति के प्रमुख बिंदु हैं…
— शराब कारोबार में प्रतिद्वंदिता बढ़ाने के लिए अब एक दो बड़े ग्रुप को नहीं बल्कि ठेकेदारों को तीन-चार दुकानें दी जाएंगी।
— एमएसपी और एमआरपी यानी अधिकतम विक्रय मूल्य और न्यूनतम विक्रय मूल्य में ज्यादा अंतर नहीं होगा। इससे दुकानदारों द्वारा मनमाने दामों पर शराब बेचे जाने की शिकायतें कम हो सकेंगी।
— शराब ले जाने वाले टैंकरों में इलेक्ट्रॉनिक लॉक और जीपीएस डिवासईस लगाए जाएंगे ताकि इन पर पूरी नज़र रखी जा सके।