इंदौर। महू के कांग्रेस नेता और खाद्य आपूर्ती निगम के ट्रांसपोर्टर मोहन अग्रवाल के खिलाफ प्रशासन की कार्रवाईयां लगातार जारी हैं। अग्रवाल पर तकरीबन पचास करोड़ के खाद्यान्न घोटाले का आरोप तो पहले से ही है अब उनके खिलाफ राशन की दुकानों पर आने वाले मिट्टी के तेल को चुराने का भी आरोप लग गया है। जिसके अंडर ग्राउंड टैंक प्रशासन को अग्रवाल के फार्महाउस की जांच के दौरान मिले हैं। इन टैंकों में हजारों लीटर मिट्टी का तेल जमा है। मानपुर रोड पर अग्रवाल के भिचौली गांव में स्थित में एक पेटोल पंप पर प्रशासन छापा मारा। यहां पता चला कि बंद पडे इस पेट्रोल पंप की टंकियों में पेट्रोल के बजाय मिट्टी का तेल भरा हुआ था। यह जमीन मीना पति मोहन अग्रवाल के नाम पर है। मोटर पंप की मदद से इन टैंकों में से बाईस हजार लीटर घासलेट निकाला गया। जिसकी कीमत करीब पांच लाख रूपये बताई गई है। यह घासलेट भी राशन की दुकानों के माध्यम से वितरित किया जाना था। एसडीएम अभिलाष मिश्रा और उनकी टीम भी इसे देखकर अचरज में पड़ गए। अधिकारी को अचरज इस बात का था कि अगर लोगों को मिट्टी का तेल नहीं मिल रहा था तो शिकायत क्यों नहीं की गई। जबकि कई उपभोक्ताओं का कहना है कि जब शासकीय दुकानों के संचालकों से मिट्टी के तेल के बारे में पूछा जाता था तो जवाब मिलता था कि अभी कम आया है बाद में दिया जाएगा। वहीं खाद्य अधिकारी भी शिकायतों को अनसुनी करते रहे हैं। अब अग्रवाल के खिलाफ एक और प्रकरण दर्ज किया जाएगा। मोहन अग्रवाल बीते बीस वर्षों से खाद्यान्न और केरोसीन को राशन की दुकानों तक पहुंचाने का काम करता था लेकिन अब तक ना प्रशासन ने उसकी कार्यशैली पर नजर रखी और ना ही किसी भी उपभोक्ता ने कोई बड़ी शिकायत की। मिट्टी का तेल तहसील की 97 राशन दुकानों पर पहुंचाने की जिम्मेदारी मोहन अग्रवाल की ही थी। आरोप है कि अग्रवाल ने खाद्यान्न की तरह मिट्टी के तेल को भी धीरे-धीरे अपने गोदामों में उतारना शुरु कर दिया था। अग्रवाल अपने दोनों बेटों के साथ अब तक फरार है।
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