इंदौर। जिले में संक्रमण के 923 नए मामले सामने आए हैं। इसके अलावा कोरोना से छह लोगों की मौत भी हुई। जिसके बाद मौतों का आंकड़ा एक हज़ार पार करके 1005 हो चुका है। बीते एक महीने में ही करीब साठ मौतें इंदौर शहर में हो चुकी हैं। सरकारी आंकड़ों के हिसाब से वहीं अप्रैल के शुरुआती दस दिनों में ही करीब 37 लोगों की मौत कोरोना संक्रमण के चलते हुई है। इस दौरान मृत्युदर 0.45 प्रतिशत ही है।
हालांकि इस दौरान कई और भी लोगों की जान इसी संक्रमण या इससे मिलते-जुलते लक्षणों के चलते गई जिन्हें रिकार्ड में दर्ज ही नहीं किया गया। इससे पहले सितंबर में कोरोना संक्रमण से 174 लोगों की मौत हुई थी। इंदौर नगर निगम के मुताबिक शहर में कोविड प्रोटोकाल से रोजाना बीस अंतिम संस्कार हो रहे हैं।
रविवार को स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी बुलेटिन में 6476 सैंपल की जांच की गई। जिनमें से 923 संक्रमित मिले। अब तक शहर में नौ लाख 93 हजार 307 सैंपल की जांच हुई है और कुल 79,434 संक्रमित पाए गए हैं। वहीं अब तक 70 हजार 512 मरीज ठीक होकर अस्पतालों से डिस्चार्ज हो चुके हैं।
हालांकि अब कोरोना से होने वाली मौतों में कुछ कमी आने की उम्मीद जताई जा सकती है। इसकी वजह इंदौर को मिले करीब पच्चीस हजार रेमडेसिविर इंजेक्शन का आना है। ये इंजेक्शन फिलहाल जीवनरक्षक माने जा रहे हैं। यही नहीं केंद्र सरकार ने रेमडेसिविर इंजेक्शन के निर्यात पर पाबंदी लगा दी है। ऐसे में अब ये इंजेक्शन भारतीय बाजारों में आसानी से उपलब्ध होने की उम्मीद है।
वहीं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के मुताबिक अब ऑक्सीजन की आपूर्ती में कोई कमी नहीं आने दी जाएगी। इसके लिए पूरी तैयारियां कर ली गईं हैं। फिलहाल प्रदेश में 244 टन ऑक्सीजन रोज़ आ रही है।