हटा(दमोह)। कहते हैं कि नेकी के कार्य के लिए किसी भी प्रकार की एनओसी की आवश्यकता नहीं होती, इन कार्यों को करने वाला बड़े दिल का ही होता है। साथ ही इनका दायरा भी बड़ा होता है, ऐसा ही कुछ कार्य नगर के युवाओं ने कर दिखाया है।
बीते कई सालों से अस्पताल परिसर में एक मानसिक विक्षिप्त वृद्ध महिला डेरा डाले हुए थी, जिसका न तो किसी को नाम पता था न ही उसके घर परिवार के बारे में कोई जानकारी थी।
बीते 7 जून को महिला का निधन अस्पताल परिसर में ही हो गया। कानूनी औपचारिकताओं के उपरांत नगर पालिका, पुलिस प्रशासन के सहयोग से उसका अंतिम संस्कार गौरीशंकर मंदिर के पास मुक्तिधाम में किया गया।
रविवार को मुक्तिधाम सफाई अभियान सदस्यों के द्वारा सोशल मीडिया पर बताया गया कि चार सप्ताह के उपरांत भी श्मशान भूमि में उक्त महिला की अस्थियां बिखरी पड़ी हुई हैं, उनका विसर्जन नहीं हो पा रहा है।
सोशल मीडिया पर जैसे ही यह खबर आई, इसका तत्काल असर हुआ और नगर के युवा आकाश पौराणिक, जगदीश विश्वकर्मा, मनीष कुसमरिया, मोन्टी रैकवार, दीपक रजक ने इन अस्थियों के विसर्जन की बात कही।
सोमवार 5 जुलाई की सुबह युवाओं की टीम अस्थि संचय में उपयोग आने वाली सारी सामग्री को लेकर नगर के मुक्तिधाम पहुंची, जहां उन्होंने पूरे विधि विधान से अस्थियों का संचय किया।
दाह संस्कार स्थल पर जो औपचारिकताएं परिवार के सदस्यों द्वारा की जाती हैं, उन्हें परम्परानुसार पूरा किया। इसके उपरांत संचय की गई अस्थियों को सुनार व कोपरा नदी के संगम स्थल मडकोलेश्वर धाम ले गये जहां पंडित के मार्गदर्शन में कर्मकांड कर अस्थियों का विसर्जन किया गया।
आकाश पौराणिक, जगदीश विश्वकर्मा, मनीष कुसमरिया, मोन्टी रैकवार व दीपक रजक ने बताया कि वर्ष 2020 एवं 2021 में जिन लोगों की अकाल या कोरोना से मृत्यु हो गई थी, उनका तर्पण कार्यक्रम आगामी पितृपक्ष में किया जायेगा, पंडितों के मार्गदर्शन में युवाओं की टीम पूरे पखवाड़े यह कार्य करेगी।