दमोह/पथरिया। दमोह जिले के पथरिया में मानवता को शर्मसार कर देने वाला मामला सामने आया है जहां शव वाहन नहीं मिलने की वजह से परिजनों को मृतक के शव को चारपाई के सहारे घर तक लाने मजबूर होना पड़ा है।
यह आरोप मृतक के परिजनों ने लगाए हैं। पड़ोसियों के मुताबिक, शव वाहन उपलब्ध होने के बाद भी नगर परिषद के द्वारा वाहन उपलब्ध नहीं कराया गया इसलिए ऐसा करने वाले कर्मचारियों पर कार्रवाई होनी चाहिए।
पथरिया थानांतर्गत वार्ड क्रमांक 14 निवासी 33 वर्षीय राजेश पिता नारायण अहिरवार नामक युवक की ट्रेन से टकराकर मौत हो जाने के बाद उसके शव को शव वाहन भी उपलब्ध नहीं हो सका।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पथरिया के वार्ड क्रमांक 14 निवासी राजेश (33 वर्ष) पिता नारायण अहिरवार की पत्नी चार दिन पहले ससुराल से बिना बताये मायके चली गई थी जिसके वापस नहीं आने पर बाइक से पति अपने साढ़ू और एक दोस्त के साथ अपनी ससुराल कर्रापुर पथरिया पत्नी को लेने गया था।
ससुराल पहुंचकर उसने जब अपनी पत्नी से घर वापस चलने के लिए कहा तो उनके बीच विवाद बढ़ गया और उसके साले ने भी विवाद करना शुरू कर दिया व मारपीट भी की।
मृतक के दोस्त ने उसके छोटे भाई को फोन लगाकर उसके ससुराल में विवाद होने की जानकारी दी जिसके बाद वे लोग वहां से निकल कर आ गए। मृतक के पिता के मुताबिक, राजेश मंगलवार की रात 8 बजे पथरिया घर वापस आ गया और ससुराल में हुई सारी घटनाओं के बारे में उसने बताया।
मृतक के पिता ने बताया कि ससुराल में हुई मारपीट से उनका बेटा काफी आहत था और उस रात बिना खाना खाये सोने चला गया। बुधवार सुबह पथरिया पुलिस के द्वारा सूचना दी गई कि ट्रेन दुर्घटना में एक व्यक्ति की मौत हुई है जिसकी शिनाख्त की गई तो शव की पहचान मेरे बेटे राजेश के रूप में हुई।
मृतक का परिवार आर्थिक रूप से कमजोर है इसलिए परिजन पोस्टमार्टम के बाद शव को घर तक लाने के लिए निजी वाहन करने में असमर्थ थे। उन्होंने नगर परिषद में कई बार फोन लगाकर शव वाहन भेजने के लिए आग्रह भी किया।
वार्ड पार्षद हर प्रसाद अहिरवार ने भी नगर परिषद में मृतक के शव को घर तक पहुंचाने के लिए शव वाहन की मांग की, लेकिन शव वाहन उपलब्ध नहीं हो पाने की वजह से शव को चारपाई के सहारे घर तक लाया गया।
मृतक के चाचा रामचरण अहिरवार और परिजन अनिल अहिरवार ने बताया कि
नगर परिषद को फोन लगाकर शव वाहन उपलब्ध कराने के लिए कहा गया था, लेकिन शव वाहन नहीं मिला जिससे चारपाई के सहारे भतीजे के शव को घर तक लेकर आए।
पड़ोसी दिनेश का कहना था कि शव वाहन उपलब्ध होने के बाद भी नगर परिषद के द्वारा वाहन उपलब्ध नहीं कराया गया इसलिए ऐसे कर्मचारियों पर कार्रवाई होनी चाहिए।
दूसरी तरफ, इस मामले में नगर परिषद अध्यक्ष सुंदरलाल विश्वकर्मा का कहना है कि
नगर परिषद का शव वाहन बिगड़ा पड़ा है। उन्हे सूचना मिली थी जिसके बाद उन्होंने ट्रैक्टर भेजा था जिसमें शव को मॉर्चुरी तक ले जाया गया था, लेकिन पोस्टमार्टम के बाद ट्रैक्टर को परिजनों को रोककर रखना था, लेकिन उन्होंने उसे नहीं रूकवाया तो वह क्या कर सकते हैं। उन्होंने पानी का टैंकर भी उपलब्ध कराया था और जो भी मदद होगी वह उपलब्ध कराएंगे।