दमोह में वोटिंग होने के बाद प्रशासन को आई जनता की याद, 26 अप्रैल तक लगाया कोरोना कर्फ्यू


जिला कलेक्टर तरुण राठी ने रविवार को आदेश जारी करते हुए दमोह में 19 अप्रैल की रात 10 बजे से 26 अप्रैल की सुबह 6 बजे तक कोरोना कर्फ्यू लगाने के आदेश दिए हैं।


लक्ष्मीकांत तिवारी
दमोह Updated On :
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दमोह। मध्यप्रदेश के दमोह में विधानसभा उपचुनाव के लिए मतदान खत्म होते ही प्रशासन को कोरोना व आम जनता की याद आ गई और जिला कलेक्टर तरुण राठी ने रविवार को आदेश जारी करते हुए दमोह में 19 अप्रैल की रात 10 बजे से 26 अप्रैल की सुबह 6 बजे तक कोरोना कर्फ्यू लगाने के आदेश दिए हैं।

कलेक्टर द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि 18 अप्रैल को सीएमएचओ के प्रतिवेदन पर कोरोना कर्फ्यू लागू किया जा रहा है। कोरोना कर्फ्यू के दौरान सामाजिक, धार्मिक और राजनीतिक जुलूस निकालने पर प्रतिबंध लगाया गया है। कर्फ्यू के दौरान कोई भी कार्यक्रम करने से पहले अनुमति लेना होगी।

कोरोना कर्फ्यू के दौरान आवश्यक वस्तुओं को छूट रहेगी। फल, सब्जी, हाथठेलों के माध्यम से फेरी लगाकर बेचे जा सकेंगे। दूध की दुकानें सुबह 7 बजे से 11 बजे तक और शाम को 6 बजे से रात 8 बजे तक खुल सकेंगी।

इसके अलावा कृषि से संबंधित दुकानें प्रतिबंध से मुक्त रहेंगी। बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन से यात्री आवागमन कर सकेंगे।  स्टूडेंट्स परीक्षा केंद्र पर आवागमन कर सकेंगे।

हालांकि, प्रशासन को विधानसभा उपचुनाव के लिए नेताओं की रैलियों और रोड शो में कोरोना का असर नहीं दिख रहा था। अब जनता को संक्रमण से बचाने के लिए कोरोना कर्फ्यू लगा दिया गया है। अब सवाल उठ रहा है कि क्या सीएमएचओ को इसके पहले संक्रमण जिले में नहीं दिखा।

दमोह में चुनावी माहौल के बीच कोरोना संक्रमण फैलना शुरू हुआ। स्थिति यह हुई कि वर्तमान में रोजाना 100 के आसपास मरीज सामने आ रहे हैं। बावजूद इसके प्रशासन ने चुनाव को महत्व देते हुए दमोह की जनता की जान खतरे में डाली और कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए कोई कदम नहीं उठाए।

विधानसभा उपचुनाव के बीच दमोह में कोरोना संक्रमण की रफ्तार बढ़ी है। शनिवार को दमोह के कोरोना संक्रमण काल के इतिहास के सबसे ज्यादा 140 कोरोना संक्रमित मरीज सामने आए।

इसके पहले शुक्रवार को 82 और गुरुवार 128 कोरोना मरीज मिले थे। इस प्रकार दमोह में अब तक 4186 कोरोना मरीज मिल चुके हैं। वहीं पिछले 17 दिनों में दमोह में कोरोना के 883 मरीज मिले और 44 मौतें हुई हैं।

अब जब जिले में मतदान हो चुका है तो इसके बाद दमोह में कोरोना कर्फ्यू लगाया गया है। इससे स्पष्ट है कि दमोह में सरकार हो या फिर प्रशासन सभी के लिए चुनाव करवाना जरूरी था न कि संक्रमण की रोकथाम करना और जनता को मौत के मुंह में जाने से बचाना।

इस बारे में जब जिला कलेक्टर तरुण राठी से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा दमोह में बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते हुए 19 अप्रैल की रात 10 बजे से कोरोना कर्फ्यू लागू किया गया है। इससे पहले दमोह में चुनाव प्रक्रिया चल रही थी इसलिए कोरोना कर्फ्यू लागू नहीं किया गया। 18 अप्रैल को भी चुनावी प्रक्रिया के तहत कार्य चल रहे हैं। यही कारण है कि कोरोना कर्फ्यू 19 अप्रैल से लागू किया जा रहा है।


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