44 दिनों से खुले आसमान के नीचे बैठे किसान अब कर रहे महापंचायत


छतरपुर में छत्रसाल चौक पर यह महापंचायत चार मार्च को आयोजित की जा रही है। इसमें मेधा पाटकर, डॉ. सुनीलम, संयुक्त किसान मोर्चा के सत्यवान और आराधना भार्गव भी मौजूद रहेंगी। महापंचायत में शामिल होने के लिये किसानों को बुलाया जा रहा है।


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छतरपुर Published On :

छतरपुर। केंद्र सरकार द्वारा पारित विवादित कृषि कानून वापस लेने व एमएसपी पर कानून बनाए जाने की मांग को लेकर को लेकर, छतरपुर के मेला ग्राउंड मैदान में पिछले 44 दिनों से धरना दे रहे हैं। प्रशासन ने किसानों को उनके प्रदर्शन के लिए टेंट लगाने की अनुमति तक नहीं दी है।

किसान सर्दियों को जीत चुके हैं और अब उनके बारे में चर्चाएं भी लगातार हो रही हैं। किसान अब एक महापंचायत का आयोजन कर रहे हैं। यह महापंचायत चार मार्च को होनी है।

किसान आंदोलन के नेता अमित भटनागर ने बताया कि 4 मार्च को किसान महापंचायत का आयोजन छतरपुर के छत्रसाल चौक पर किया जा रहा है।

जिसमें किसान नेता पूर्व विधायक डॉ सुनीलम, नर्मदा बचाओ आंदोलन की नेत्री मेधा पाटकर, सिंधु बॉर्डर से संयुक्त किसान मोर्चा के नेता सत्यवान, किसान संघर्ष समिति की उपाध्यक्ष एडवोकेट आराधना भार्गव सहित देश के कई प्रतिष्ठित समाजसेवी व किसान नेता शामिल होंगे।

 

आंदोलन के नेता दिलीप शर्मा ने बताया कि प्रशासन द्वारा अनुमति नहीं दिए जाने से किसान खुले आसमान के नीचे धरना करने व सोने को मजबूर है।

धरने के दौरान लगातार खुले आसमान के नीचे सोने के कारण  सोमवार को तीन किसान बीमार हो चुके हैं।  बीमार पड़ने वाले किसानों में खड्डी पहरा के राकेश तिवारी, मतगांव के हिसाबी राजपूत, गुलगंज के श्रोतम शर्मा के नाम शामिल हैं।

किसानों ने प्रशासन के रवैये को तानाशाही बताया है। प्रशासन के इस रवैये के चलते  इस आंदोलन में 36 किसान बीमार हो चुके हैं। प्रशासन की इस जिद के बावजूद भी किसानों का धरना जारी है।

इस धरने में संत ज्ञानेश्वर महाराज, हिसाबी राजपूत, प्रेम लाल यादव, सोना आदिवासी, करन सिंह बुंदेला, पुष्पेन्द्र सिंह, किशोरी कुशवाहा, दिनेश मिश्रा, गौरव अग्रवाल, स्रोतम शर्मा, राकेश तिवारी, सुमित यादव आदि शामिल रहे।


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