क्रिप्टोकरंसी रेग्यूलेट करने पर जल्द आने वाला है विधेयक, जानिये होगा इसमें ख़ास…


सरकार ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि वे किसी भी तरह से क्रिप्टो करंसी को बैन नहीं करने वाले हैं हालांकि इसे  विनियमित करना ज़रुरी है।


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विविध Updated On :

नई दिल्ली। सोशल मीडिया पर इन दिनों क्रिप्टो करंसी लगातार सुर्ख़ियों में है। वहीं भारत में भी इन्हें विनियमित करने करने की बात की जा रही है। सरकार ने इसकी पूरी तैयारी कर ली है। संसद में आने वाले दिनों इससे संबंधित बिल पेश किया जाएगा। ख़बरों के मुताबिक सरकार नहीं चाहती कि क्रिप्टो करंसी का इस्तेमाल चोरी-छिपे किया जाए और इसे रोकना भी मुमकिन नहीं है ऐसे में इसे विनयमित या रेग्युलेट करना ही एक मात्र उपाय है।

सरकार ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि वे किसी भी तरह से क्रिप्टो करंसी को बैन नहीं करने वाले हैं हालांकि इसे  विनियमित करना ज़रुरी है। यह ख़बर आने के बाद से ही क्रिप्टो निवेशकों में खुशी है। क्रिप्टो बिल से संबंधित इस ख़बर को एनडीटीवी की पत्रकार सोनल महरोत्रा कपूर के ट्विटर हैंडल से भी साझा किया गया है।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अगले हफ्ते क्रिप्टो करंसी पर बिले संसद के पटल पर पेश कर सकती हैं। इस बिल को लेकर काफी कयास लगाए जाते रहे हैं लेकिन अब जो शुरुआती जानकारी सामने आ रही है उसके मुताबिक क्रिप्टो करंसी पर किसी तरह प्रतिबंध नहीं होगा। प्राइवेट क्रिप्टो करंसी को किसी भी तरह से बैन नहीं किया जाएगा बल्कि उन्हें भी रेग्युलेट किया जाएगा।

रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया काफी समय से क्रिप्टो करंसी के प्रति लोगों को सतर्क कर रहा है और कई बार तो आरबीआई के कदम क्रिप्टो के खिलाफ जाते नजर आए हैं। हालांकि विशेषज्ञों द्वारा स्पष्ट किया गया कि आरबीआई की मंशा लोगों को ज्यादा जोखिम वाली क्रिप्टो करंसी के अचानक आने वाले उतार-चढ़ावों से बचाना रहा है।

नए बिल को लेकर आ रहीं ख़बरों के मुताबिक आरबीआई अपनी एक डिजिटल क्रिप्टो करंसी भी लाने वाला है लेकिन यह तय माना जा रहा है कि इसे क्रिप्टो की तरह नहीं बनाया जाएगा बल्कि फिलहाल यह उससे अलग होगा। हालांकि जानकारों की मानें तो भविष्य में इसे क्रिप्टो लेन-देन में उपयोगी बनाने पर भी विचार किया जाएगा लेकिन फिलहाल इसकी संभावना कम है।

शुरुआती जानकारी के मुताबिक क्रिप्टो बिल के तहत क्रिप्टो करंसी का सारा व्यापार सेबी के तहत आ सकता है। इसके अलावा सरकार पहले ही स्पष्ट कर चुकी है कि क्रिप्टो करंसी किसी भी तरह से भारत में लीगल टेंडर करार नहीं दी जाएगी।

इसके अलावा सभी क्रिप्टो निवेशकों को अपने निवेश की पूरी जानकारी सरकार को देनी होगी। इसके लिए सरकार एक तारीख़ भी तय कर सकती है। इस तरह क्रिप्टो निवेशक इनकम टैक्स के दायरे में आ सकेंगे।

यह सवाल मध्य अमरीका के एक सबसे छोटे से देश अल-सेल्वाडोर के सबसे लोकप्रिय क्रिप्टो करंसी बिटकॉइन को औपचारिक मुद्रा के रूप में पहचान देने के बाद दुनिया भरे के देशों में सरकारों से पूछा जा रहा है।

बताया जाता है कि भारत सरकार तय कर रही है कि क्रिप्टो करंसी की धोखाधड़ी या नियमविरुद्ध तरीके से इसमें ट्रेडिंग  करने वालों को किसी भी तरह से नहीं बख़्शा जाए और माना जा रहा है कि इसके दोषी पाए जाने वालों को जेल और बड़ा जुर्माना दोनों हो सकते हैं।


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