कोविड महामारी और बढ़ते हार्ट अटैक के मामले: अंतर्राष्ट्रीय रिपोर्ट में बढ़ते खतरे की तस्वीर

कोविड-19 महामारी के बाद युवाओं में हार्ट अटैक के मामलों में तेज़ी से बढ़ोतरी हुई है। पहले इसे उम्रदराज़ लोगों की समस्या माना जाता था, लेकिन अब यह फिट और स्वस्थ युवाओं को भी प्रभावित कर रहा है। विशेषज्ञ मानते हैं कि वायरस के कारण हृदय में सूजन और तनाव से दिल की बीमारियों का जोखिम बढ़ गया है। स्वस्थ जीवनशैली और जागरूकता से इस खतरे को कम किया जा सकता है।

कोविड-19 महामारी के बाद से दुनियाभर में हार्ट अटैक के मामलों में तेजी से वृद्धि हो रही है, जो एक गंभीर चिंता का विषय बन चुका है। हार्ट अटैक को पहले ज्यादातर उम्रदराज़ लोगों की समस्या माना जाता था, लेकिन अब स्थिति बदल गई है। अब युवाओं, विशेष रूप से 40 साल से कम उम्र के स्वस्थ और फिट लोगों में भी दिल की बीमारियों के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं।

 

अमेरिका में हुई एक रिसर्च बताती है कि पिछले चार वर्षों में हार्ट अटैक के मामलों में 66% की वृद्धि हुई है। सबसे चिंताजनक तथ्य यह है कि अब हर पांच हार्ट अटैक मरीजों में से एक 40 साल से कम उम्र का है। डेली मेल की एक रिपोर्ट में इसे कोविड-19 महामारी के समय से जोड़कर देखा जा रहा है।

 

हार्ट अटैक के बढ़ते मामलों के कारण:

रिपोर्ट में इस बढ़ोतरी के कई कारण बताए गए हैं। इनमें नशे का बढ़ता चलन, मोटापा, और निष्क्रिय जीवनशैली कुछ प्रमुख कारण हैं। परन्तु, कोविड-19 महामारी ने इसे एक नया मोड़ दिया है। वायरस शरीर में व्यापक सूजन (इन्फ्लेमेशन) का कारण बनता है और रक्त में थक्के (ब्लड क्लॉट्स) बनने की संभावनाएं बढ़ा देता है। इससे हृदय पर दबाव बढ़ता है, जिससे हार्ट अटैक की संभावना बढ़ जाती है।

 

कोविड का हृदय पर प्रभाव

 

कोविड-19 संक्रमण के दौरान और उसके बाद हृदय प्रणाली पर गंभीर प्रभाव देखे गए हैं। वायरस हृदय की मांसपेशियों में सूजन (मायोकार्डिटिस) का कारण बनता है, जिससे हृदय की रक्त पंप करने की क्षमता प्रभावित होती है। यह स्थिति दिल के दौरे का जोखिम बढ़ा सकती है। इसके अलावा, लॉकडाउन के दौरान घर में रहने के कारण तनाव, चिंता और अवसाद की स्थिति भी हार्ट अटैक के कारक बने।

 

सेडर्स-सिनाई की कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. सुसन चेंग की 2023 की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि कोविड-19 वायरस रक्त को चिपचिपा बना देता है, जिससे रक्त में थक्के बनने की संभावना बढ़ जाती है। इसके अलावा, कोविड के कारण उत्पन्न सूजन रक्त वाहिकाओं को भी प्रभावित करती है। उन्होंने कहा कि यह बढ़ती घटनाएं महज संयोग नहीं हैं बल्कि कोविड का सीधा परिणाम हो सकती हैं।

 

युवाओं में बढ़ता खतरा

 

यह अब स्पष्ट हो चुका है कि हार्ट अटैक केवल बुजुर्गों तक सीमित नहीं है। कोविड महामारी के बाद युवा और स्वस्थ लोगों में भी यह बीमारी तेजी से फैल रही है। कोविड संक्रमण से ग्रसित युवाओं में दिल की धड़कन बढ़ना, सांस फूलना और सीने में दर्द जैसी समस्याएं अधिक देखी जा रही हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, कोविड के कारण उत्पन्न तनाव और अनिश्चितता ने भी हृदय रोगों के खतरे को बढ़ा दिया है।

 

हार्ट अटैक से बचाव के उपाय

हालांकि इस बढ़ते खतरे से घबराने की जगह हमें सतर्क रहने की जरूरत है। स्वस्थ जीवनशैली अपनाना, नियमित व्यायाम करना, तनाव को नियंत्रित करना और संतुलित आहार लेना हार्ट अटैक के खतरे को कम कर सकता है। साथ ही, अगर कोविड संक्रमण हुआ हो तो हृदय संबंधी किसी भी लक्षण पर ध्यान दें और डॉक्टर से परामर्श लें।

 

अस्वीकरण: यह लेख केवल जानकारी प्रदान करने के उद्देश्य से है। किसी भी स्वास्थ्य समस्या के लिए डॉक्टर की सलाह अवश्य लें।

 

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First Published on: October 4, 2024 5:52 PM