मध्य प्रदेश में किसानों के लिए राहत: गेहूं पर ₹175 बोनस, धान खरीद पर ₹4000 प्रोत्साहन राशि


मध्य प्रदेश सरकार ने किसानों के लिए गेहूं पर ₹175 प्रति क्विंटल का बोनस और धान पर ₹4000 प्रति हेक्टेयर की प्रोत्साहन राशि देने की घोषणा की है।


DeshGaon
Government news and policy Published On :

मध्य प्रदेश सरकार ने किसानों को बड़ी राहत देते हुए गेहूं और धान की खरीद पर अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि देने की घोषणा की है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने रविवार को भोपाल में आयोजित किसान आभार सम्मेलन में यह घोषणा की। सरकार ने गेहूं खरीद पर ₹175 प्रति क्विंटल का बोनस और धान खरीद पर ₹4000 प्रति हेक्टेयर की प्रोत्साहन राशि देने का फैसला किया है।

गेहूं की खरीद पर अतिरिक्त लाभ

सरकार के इस फैसले के अनुसार, मध्य प्रदेश में किसानों को गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) ₹2,600 प्रति क्विंटल मिलेगा। इसमें केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित ₹2,425 प्रति क्विंटल के एमएसपी के अलावा राज्य सरकार द्वारा दिया जाने वाला ₹175 का बोनस भी शामिल है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि राज्य सरकार किसानों की आय बढ़ाने के लिए लगातार प्रयास कर रही है और यह बोनस उसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

धान किसानों को भी मिलेगा लाभ

धान किसानों के लिए भी सरकार ने राहत दी है। सरकार ने घोषणा की है कि धान खरीद पर किसानों को ₹4,000 प्रति हेक्टेयर की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। यह राशि सीधे किसानों के बैंक खातों में जमा की जाएगी, जिससे उन्हें खेती की लागत को पूरा करने में मदद मिलेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा, “हमारी सरकार किसानों के हित में लगातार काम कर रही है। गेहूं और धान खरीद पर दी जा रही यह अतिरिक्त राशि किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य दिलाने में मदद करेगी।”

15 मार्च से शुरू होगी गेहूं की खरीद

पहले सरकार ने 1 मार्च से गेहूं की खरीद शुरू करने की योजना बनाई थी, लेकिन फसल में नमी और कटाई में देरी के कारण इसे 15 मार्च तक के लिए टाल दिया गया है। इस साल राज्य में लगभग 80 लाख टन गेहूं खरीदे जाने की उम्मीद है। इसके लिए 4,000 खरीद केंद्र स्थापित किए जाएंगे और अब तक लगभग 3 लाख किसानों ने अपना पंजीकरण करा लिया है।

विपक्ष ने किया सरकार के फैसले का विरोध

राज्य कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने सरकार के इस फैसले की आलोचना करते हुए कहा कि ₹2,600 प्रति क्विंटल की दर पर गेहूं खरीद किसानों के लिए घाटे का सौदा है। उन्होंने कहा, “खेती की लागत लगातार बढ़ रही है और ऐसे में किसानों को उनके उत्पाद का सही मूल्य नहीं मिल रहा है। गेहूं की कीमत ₹3,000 प्रति क्विंटल से अधिक होनी चाहिए।”

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि बीजेपी ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में गेहूं का एमएसपी ₹2,700 प्रति क्विंटल करने का वादा किया था, लेकिन अब इसे पूरा नहीं किया जा रहा है।

सरकार का किसानों के लिए भविष्य की योजनाओं पर जोर

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि सरकार अन्य फसलों और दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए भी प्रोत्साहन योजनाएं लाएगी। किसानों को कृषि क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए नई योजनाओं पर भी विचार किया जा रहा है।

किसानों को कितनी राहत मिलेगी?

सरकार के इस फैसले से किसानों को आर्थिक लाभ मिलेगा, लेकिन विपक्षी दल इसे अपर्याप्त बता रहे हैं। जहां सरकार इसे कृषि क्षेत्र में सुधार और किसानों की आय बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बता रही है, वहीं विपक्ष इसे किसानों के साथ अन्याय बता रहा है।

आने वाले दिनों में यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि इस योजना का किसानों पर कितना सकारात्मक प्रभाव पड़ता है और क्या सरकार भविष्य में एमएसपी को बढ़ाने की दिशा में कोई और कदम उठाती है।


Related





Exit mobile version