सरकार का बड़ा फैसला: बासमती चावल के निर्यात पर न्यूनतम मूल्य सीमा हटी

भारत सरकार ने बासमती चावल के निर्यात पर लगी न्यूनतम मूल्य सीमा हटाने का फैसला किया है। इस कदम से किसानों और व्यापारियों को बड़ी राहत मिलेगी और बासमती चावल के निर्यात में तेजी आने की उम्मीद है।

केंद्र सरकार ने बासमती चावल के निर्यात पर लगी न्यूनतम निर्यात मूल्य (MEP) की सीमा को हटाने का फैसला किया है। पहले यह सीमा 950 अमेरिकी डॉलर प्रति टन तय की गई थी, जिसे अब पूरी तरह से हटा दिया गया है। इस फैसले से बासमती चावल के निर्यात में तेजी आने की उम्मीद है, जिससे किसानों की आय बढ़ेगी।

 

व्यापारियों और किसानों को मिलेगा लाभ

वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि इस कदम से बासमती चावल के निर्यात को बढ़ावा मिलेगा और किसानों की आमदनी में इजाफा होगा। यह फैसला कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (APEDA) द्वारा जल्द ही लागू किया जाएगा। APEDA इस बात की निगरानी करेगा कि बासमती चावल का निर्यात यथार्थवादी कीमतों पर ही किया जाए, जिससे किसी प्रकार की गलत बिक्री रोकी जा सके।

 

निर्यात की वर्तमान स्थिति

वित्तीय वर्ष 2022-23 में भारत से 4.8 बिलियन अमेरिकी डॉलर के मूल्य के 45.6 लाख टन बासमती चावल का निर्यात किया गया था। वहीं, 2023-24 में बासमती चावल के निर्यात की कीमत 5.9 बिलियन अमेरिकी डॉलर रही। सरकार के इस निर्णय से यह आंकड़े और अधिक बढ़ने की उम्मीद है।

 

पूर्व में निर्यात सीमा और बदलाव

अक्टूबर 2022 में सरकार ने बासमती चावल के निर्यात के लिए न्यूनतम मूल्य सीमा को 1,200 अमेरिकी डॉलर प्रति टन से घटाकर 950 अमेरिकी डॉलर किया था, क्योंकि अधिक मूल्य सीमा से निर्यात प्रभावित हो रहा था। इसके बाद, अगस्त 2023 में, बासमती चावल के निर्यात पर गैर-कानूनी तरीके से सफेद गैर-बासमती चावल के निर्यात को रोकने के लिए 1,200 अमेरिकी डॉलर प्रति टन की सीमा फिर से लागू की गई थी। लेकिन अब यह सीमा पूरी तरह से हटा दी गई है।

 

APEDA की भूमिका

APEDA बासमती चावल के निर्यात से जुड़े सभी अनुबंधों का पंजीकरण करता है और इसके लिए निर्यात प्रमाण पत्र जारी करता है। सरकार के इस निर्णय के बाद APEDA निर्यात अनुबंधों की निगरानी करेगा ताकि निर्यात सही कीमत पर ही हो और गैर-कानूनी व्यापार पर रोक लगाई जा सके।

First Published on: September 13, 2024 10:46 PM