नई दिल्ली में 26 सितंबर 2024 को आयोजित राष्ट्रीय पेसा सम्मेलन में पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने मध्य प्रदेश की उपलब्धियों और पेसा अधिनियम के कार्यान्वयन के लिए किए जा रहे कार्यों पर जोर दिया। मंत्री पटेल ने मध्य प्रदेश को इस अधिनियम के प्रभावी कार्यान्वयन में एक अग्रणी राज्य बताते हुए कहा कि राज्य सरकार ने आदिवासी क्षेत्रों में विकास और सशक्तिकरण के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।
पेसा अधिनियम (Panchayats Extension to Scheduled Areas Act, 1996) पर आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन केंद्रीय पंचायती राज राज्यमंत्री प्रो. एस.पी. सिंह बघेल ने किया। इस सम्मेलन में दस पेसा राज्यों के 500 से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया, जिसमें राज्यों के पंचायत राज मंत्री, केंद्रीय एवं राज्य विभागों के वरिष्ठ अधिकारी, पंचायतों के तीनों स्तरों के प्रतिनिधि और गैर-सरकारी संगठन (NGO) शामिल थे।
पेसा के तहत वित्तीय प्रबंधन और ग्राम पंचायतें सशक्त:
प्रहलाद पटेल ने बताया कि राज्य में पेसा अधिनियम के तहत ग्राम सभाओं को सशक्त बनाने के लिए 11,524 बैंक खातों का संचालन सफलतापूर्वक किया गया है। इसके माध्यम से ग्राम पंचायतों को वित्तीय स्वायत्तता दी गई है, जिससे वे विकास योजनाओं का बेहतर तरीके से संचालन कर सकें।
नई योजनाएं और रोजगार के अवसर:
मंत्री पटेल ने मध्य प्रदेश की सरकार द्वारा आदिवासी क्षेत्रों में रोजगार के नए अवसर प्रदान करने की दिशा में किए जा रहे कार्यों की सराहना की। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार कुटीर उद्योग, पशुपालन, शहद उत्पादन, रेशम पालन और हस्तशिल्प जैसे क्षेत्रों में रोजगार के नए अवसर सृजित कर रही है। इसके साथ ही, आदिवासी समुदायों की परंपरागत सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करते हुए उन्हें पर्यटन स्थलों के रूप में विकसित करने की भी योजना बनाई जा रही है।
महिलाओं की सक्रिय भागीदारी:
मंत्री ने बताया कि पेसा के कार्यान्वयन में महिलाओं की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने मध्य प्रदेश सरकार की उन योजनाओं पर प्रकाश डाला, जिनके माध्यम से महिलाओं को सशक्त बनाया जा रहा है। उनके अनुसार, महिलाओं की सक्रिय भागीदारी से ही पेसा अधिनियम को जमीनी स्तर पर पूरी तरह से लागू किया जा सकता है।
प्रशिक्षण कार्यक्रम और जागरूकता:
प्रहलाद पटेल ने कहा कि पेसा अधिनियम के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए राज्य में प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। इन कार्यक्रमों के माध्यम से ग्राम सभा के सदस्यों और पंचायत प्रतिनिधियों को उनके अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति जागरूक किया जा रहा है। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि पेसा – ग्राम पंचायत विकास योजना (GPDP) पोर्टल और सात विशेष प्रशिक्षण मॉड्यूल्स का शुभारंभ इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
आदिवासी क्षेत्रों के लिए समग्र विकास की पहल:
मंत्री पटेल ने राज्य में आदिवासी क्षेत्रों के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य, और बुनियादी ढांचे में सुधार के प्रयासों को एक बड़ी सफलता करार दिया। उन्होंने कहा कि पेसा अधिनियम के तहत उठाए जा रहे ये कदम न केवल राज्य में जनजातीय समुदायों के विकास को गति दे रहे हैं, बल्कि उन्हें मुख्यधारा से भी जोड़ रहे हैं।
मंत्री प्रहलाद पटेल के इन दावों के आधार पर यह स्पष्ट है कि मध्य प्रदेश सरकार पेसा अधिनियम के तहत आदिवासी क्षेत्रों के समग्र विकास और सशक्तिकरण के लिए हर संभव प्रयास कर रही है।
सम्मेलन में पेसा – ग्राम पंचायत विकास योजना (GPDP) पोर्टल और सात विशेष प्रशिक्षण मॉड्यूल का भी शुभारंभ किया गया। इन संसाधनों का उद्देश्य ग्राम पंचायतों के विकास योजनाओं को अधिक प्रभावी बनाना और प्रशिक्षण पहलों को बढ़ावा देना है। इन मॉड्यूल में भूमि हस्तांतरण की रोकथाम, ग्राम सभाओं का सशक्तिकरण, धन उधारी पर नियंत्रण, विवाद समाधान के पारंपरिक तरीके, नशीले पदार्थों पर नियंत्रण, लघु वन उपज और लघु खनिज शामिल हैं।