हिमाचल कल्‍याण सभा दिल्ली (पंजीकृत) की कार्यकारिणी बैठक के चुनाव संपन्‍न


चुनाव में राकेश शर्मा को सभा का अध्यक्ष चुना गया। सभा में अन्य पदों के लिए हुए चुनावों में वरिष्ठ उपाध्यक्ष के रूप में के.एम. लाल और सुरजीत चंदेल को चुना गया। इससे पहले पूर्व अध्‍यक्ष स्‍वर्गीय डीडी डोगरा और पूर्व महासचिव आरएस ठाकुर को सभी माननीय सदस्यों ने श्रद्धांजलि दी।


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नई दिल्ली। 12 दिसंबर 2021 को प्रतिष्ठित हिमाचल कल्याण सभा दिल्ली की आम कार्यकारिणी बैठक बलजीत नगर, नई दिल्ली में हुई। चुनावी प्रक्रिया शुरू होने से पहले वर्तमान कार्यकारी अध्य‍क्ष राकेश शर्मा के त्याग देने के बाद उन्होंने माननीय वाई.एस. ठाकुर और प्रदीप अग्निहोत्री को चुनाव अधिकारी नियुक्त करने का सभी से आग्रह किया जिसका सभी ने समर्थन किया और उनकी अध्यक्षता में चुनाव किए गए।

चुनाव में राकेश शर्मा को सभा का अध्यक्ष चुना गया। सभा में अन्य पदों के लिए हुए चुनावों में वरिष्ठ उपाध्यक्ष के रूप में के.एम. लाल और सुरजीत चंदेल को चुना गया। साथ ही, सभा में अन्‍य सभा के कार्य को सुचारू रूप से चलाने के लिए सर्वसम्‍मति से एम.सी. राणा को सभा का सलाहकार और शशि ठाकुर को न्‍यायिक सलाहकार नियुक्‍त किया गया।

आम चुनाव के दौरान कई अन्‍य पदों पर चुनाव हुए। बक्‍शी राम, अश्‍विनी जलेरिया और शांति शर्मा को उपाध्‍यक्ष चुना गया। गोपाल दास को महासचिव, राधेश्‍याम चौहान को कार्यालय सचिव, शीशराम पाल को कोषाध्‍यक्ष, संजीव कुमार शर्मा को सह कोषाध्‍यक्ष, राजेंद्र ठाकुर को खेल एवं सांस्‍कृतिक सचिव, प्रेम चौहान को प्रचार सचिव, राजसिंह भारद्वाज को रखरखाव (स्‍टोर) सचिव, दिवेश शर्मा को मैट्रिमोनियल सचिव चुना गया।

सभा के कार्य को सुचारू रूप से चलाने के लिए निर्वाचित कार्यकारिणी ने छह सचिवों की विशेष रूप से नियुक्ति की जिनमें सुरेश शर्मा, सतीश शर्मा,अजय डोगरा, सुरजीत धीमान, संत राम और डॉ. पवन कौंडल का नामांकन किया गया।

अंत में सभा के नवनिर्वाचित अध्‍यक्ष राकेश शर्मा ने सभी निर्वाचित सदस्‍यों से आहवान किया कि हिमाचल कल्‍याण सभा एक गैर राजनीतिक सभा है और उसके उद्देश्‍य देशभर के हिमाचलवासियों के साथ मिलकर चलने का है। उन्‍होंने सभी सदस्‍यों के शानदार सहयोग और चुनाव के आयोजन के लिए बलजीत नगर के सभी सदस्यों और चुनाव अधिकारियों का आभार प्रकट किया।

सन् 1972 में जब हिमाचल प्रदेश के जिलों का पुनर्गठन हुआ तो यह आवश्‍यकता महसूस की गई कि हिमाचल प्रदेश की कोई ऐसी सभा अस्तित्‍व में आए जो कि संर्पूण हिमाचल का प्रतिनिधित्‍व करे और जिसे प्रदेश के हर कोने का व्‍यक्ति अपनी संस्‍था कहने में गौरवान्वित महसूस करे। इसी भावना से ओत-प्रोत होकर नवंबर 1972 में हिमाचल कल्‍याण सभा का गठन किया गया। पचास वर्ष से अधिक पुरानी इस संस्‍था में सदस्‍यों की संख्‍या दस हजार से भी ज्‍यादा है। सभा के प्रमुख उद्देश्‍यों में समस्‍त हिमाचलवासियों में परस्पर सहयोग तथा सदभाव पैदा करना है ताकि देश के अलग-‍अलग इलाकों में रह रहे हिमाचलवासियों को एक मंच पर लाया जा सके।


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