मप्र की सभी आठ सीटों पर सोमवार को मतदान पूरा हुआ और इसके साथ ही मप्र में लोकसभा चुनाव संपन्न हो चुके हैं। राज्य निर्वाचन आयोग से मिली जानकारी के मुताबिक सभी आठ सीटों पर शाम छह बजे तक 71.72 प्रतिशत मतदान हुआ है। इनमें देवास में 74.86प्रश, उज्जैन में 73.03 प्रश, मंदसौर में 74.50प्रश, रतलाम में 72.86 प्रश, धार 71.50 प्रश, इंदौर में 60.53प्रश, खरगोन में 75.79 प्रश, खंडवा में 70.72 प्रश मतदान हुआ है।
चौथे चरण में 8 संसदीय क्षेत्रों में शाम 6 बजे तक 71.72% मतदान हुआ है, देवास में 74.86%, उज्जैन 73.03%, मंदसौर 74.50%, रतलाम 72.86%, धार 71.50%, इंदौर 60.53%, खरगोन 75.79%,खंडवा 70.72% मतदान हुआ है, यह मतदान के अनंतिम आंकड़े हैं : अनुपम राजन, मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी, मप्र pic.twitter.com/OUu6jcHs37
— Chief Electoral Officer, Madhya Pradesh (@CEOMPElections) May 13, 2024
इंदौर में मामला दिलचस्प रहा। मतदान के दिन यहां सुबह तो कई मतदान केंद्रों पर भीड़ दिखाई दी लेकिन बाद में मामला कुछ कमोबेश ठंडा रहा। हालांकि आखिरी घंटों में तकरीबन 18 प्रतिशत तक मतदान बढ़ गया। ग्रामीण इलाकों में शहरी इलाके से बेहतर हाल था। न
यहां कांग्रेस उम्मीदवार ने फार्म वापस लेकर मामला एकतरफा तो बना दिया लेकिन इंडिया ब्लॉक ने एकजुट होकर नोटा का बटन दबाने की अपील की। इसका खासा असर भी रहा। हालांकि इसकी काट के रूप में भाजपा नेताओं ने इसे नकारात्म राजनीति बताना शुरू किया और लोगों से बढ़चढ़ के मतदान करने की अपील की लेकिन इसका कोई खास असर नहीं दिखाई दिया। मप्र की सभी सीटों पर देखें तो इंदौर में सबसे कम मतदान हुआ। यह पिछले बार से आठ प्रतिशत कम रहा।
मतदान से पहले इंडिया ब्लॉक के विभिन्न दलों के कार्यकर्ता शनिवार को इंदौर के प्रसिद्ध रीगल स्क्वायर में गांधी की प्रतिमा के बगल में बैनर और प्लेकार्ड के साथ एक विरोध के लिए एकत्र हुए, जो 13 मई को लोगों को नोट को दबाने के लिए कह रहे थे जब मध्य प्रदेश में लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र चुनाव में जाता था।
इंडिया ब्लाक के विभिन्न दलों के कार्यकर्ता शनिवार को इंदौर के प्रसिद्ध रीगल स्क्वायर में गांधी की मूर्ति के बगल में एक विरोध के लिए एकत्र हुए, बैनर और प्लेकार्ड के साथ 13 मई को लोगों को नोट को दबाने के लिए कहा।
इन बैनरों पर लिखा था “ईवीएम पर अंतिम बटन – नोटा – दबाएं और लोकतंत्र की जीत सुनिश्चित करें।” नोटा के लिए कॉल कांग्रेस के आधिकारिक उम्मीदवार अक्षय कांति बम द्वारा 29 अप्रैल को अपना नामांकन वापस ले लिया था और उसी दिन सत्तारूढ़ भाजपा में शामिल हो गया था। कांग्रेस के कार्यकर्ता, भारत ब्लॉक के अन्य दलों के समर्थन के साथ, अब लोगों से विभिन्न अभियानों के माध्यम से NOTA (उपरोक्त में से कोई भी नहीं) विकल्प के लिए जाने का आग्रह कर रहे हैं। 10 मई को, उन्होंने ब्लैक आर्मबैंड के साथ एक मूक मार्च निकाला। वे अपनी कॉल के साथ डोर-टू-डोर भी जा रहे हैं, दीवारों और ऑटो-रिक्शा पर पोस्टर चिपका रहे हैं।
इंडिया ब्लॉक के विभिन्न दलों के कार्यकर्ता शनिवार को इंदौर के प्रसिद्ध रीगल स्क्वायर में गांधी की मूर्ति के बगल में एक विरोध के लिए एकत्र हुए, बैनर और प्लेकार्ड के साथ 13 मई को लोगों को नोट को दबाने के लिए कहा जब मध्य प्रदेश में लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र चुनाव में जाता है।
कांग्रेस के कार्यकर्ता, भारत ब्लॉक के अन्य दलों के समर्थन के साथ, अब लोगों से विभिन्न अभियानों के माध्यम से NOTA (उपरोक्त में से कोई भी नहीं) विकल्प के लिए जाने का आग्रह कर रहे हैं। 10 मई को, उन्होंने ब्लैक आर्मबैंड के साथ एक मूक मार्च निकाला। वे अपनी कॉल के साथ डोर-टू-डोर भी जा रहे हैं, दीवारों और ऑटो-रिक्शा पर पोस्टर चिपका रहे थे।
इंदौर सिटी कांग्रेस के अध्यक्ष सुरजीत चड्ढा ने मीडिया को बताया कि कांग्रेस का लक्ष्य है कि नोटा पर करीब चार लाख वोट पड़ें। “हमने इस पर काम करने के लिए अपने बूथ-स्तरीय श्रमिकों के साथ बैठकें भी शुरू कर दी हैं। हमारे पास पोलिंग बूथों में हमारे एजेंट होंगे और वोट की गिनती के लिए हमारे एजेंटों को भी भेजेंगे।
उन्होंने कहा कि हमने 4,000 से अधिक ऑटो-रिक्शा पर पोस्टर चिपकाए थे। इससे भाजपा बौखला गई थी और उनके नेताओं ने उन्हें फाड़ने लगा। अब, वे ऑटो पर अपने पोस्टर फाड़ रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों भाजपा की पार्षद का एक वीडिया वायरल हुआ था जिसमें वे ऑटो रिक्शा पर लगी नोटा की अपील का पोस्टर फाड़ रहीं थी। इस दौरान पूर्व लोकसभा अध्यक्ष और इंदौर से सात बार सांसद रहीं सुमित्रा महाजन ने भी भाजपा द्वारा कांग्रेस उम्मीदवार को अपने में मिलाने को लेकर असंतोष जाहिर किया था।