GST क्षतिपूर्ति का मॉडल ख़त्म, बढ़ते घाटे के बीच चिंता में कई राज्य, छत्तीसगढ़ को 14 तो एमपी को 9 हजार करोड़ का नुकसान


वित्त मंत्री टीएस सिंहदेव ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारण को इसे लेकर पत्र लिखा है। सिंहदेव ने साफ किया है कि अगर केंद्र सरकार ने राह नहीं निकाली तो राज्य सरकार को वस्तुओं पर सेस (उपकर) लगाना होगा।


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छत्तीसगढ़ Updated On :

रायपुर। अब तक कई राज्यों की सरकारें केंद्र सरकार के जीएसटी से होने वाले राजस्व के नुकसान से बचाव के लिए बनाए गए मॉडल के लेकर अपनी चिंता जाहिर कर चुकी हैं। केंद्र का यह 14 प्रतिशत तक की राजस्व क्षतिपूर्ति मॉडल 30 जून को खत्म हो चुका है।  छत्तीसगढ़ सरकार को भी इसके कारण बड़ा नुकसान हुआ है। बीते चार सालों में छत्तीसगढ़ सरकार को करीब 14 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है। वहीं मध्य प्रदेश सरकार को इसके कारण करीब 9 हजार करोड़ रुपए का घाटा होगा।

ऐसे में छतीसगढ़ राज्य की सरकार ने इसे लेकर केंद्र सरकार के सामने दो विकल्प रखे हैं। प्रदेश सरकार चाहती है कि केंद्र सरकार अपना यह मॉडल अगले पांच सालों तक जारी रखे या फिर केंद्र और राज्य के बीच होने वाला यह बराबरी का बंटवारा उसे 80:20 अथवा 70:30 के अनुपात में बांटा जाए यानी केंद्र सरकार अपने पास 20 या 30 प्रतिशत तक रखे।

टीएस सिंहदेव, वित्तमंत्री, छत्तीसगढ़

वित्त मंत्री टीएस सिंहदेव ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारण को इसे लेकर पत्र लिखा है। सिंहदेव ने साफ किया है कि अगर केंद्र सरकार ने राह नहीं निकाली तो राज्य सरकार को वस्तुओं पर सेस (उपकर) लगाना होगा। ऐसे में जनता पर टैक्स का बोझ बढ़ सकता है। उनके मुताबिक अगर ऐसा नहीं हुआ तो जीएसटी से नुकसान झेल रहे राज्यों को और भी नुकसान होगा और वे राज्य में विकास कार्यों और सामान्य कामकाज के संचालन के लिए भी केंद्र सरकार पर निर्भर होना होगा।

जीएसटी काउंसिल के तहत राज्य सरकारें नए कर नहीं लगा सकेंगी लेकिन घाटे से उबरने और राजस्व की पूर्ति के लिए के लिए उनके पास वस्तुओं पर सेस लगाने का विकल्प शेष रहेगा। ज़ाहिर है इसके बाद राज्यों में अलग-अलग वस्तुओं के दामों में काफी अंतर होगा।

वित्त मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा, पांच साल पहले प्रधानमंत्री के आर्थिक सलाहकार ने अपने प्रेजेंटेशन में कहा था अभी इन डायरेक्ट टैक्स का 48% ही कलेक्ट हो पाता है। शेष 52% टैक्स चोरी होता है। GST लागू होने से कर चोरी रुकेगी। 90% से अधिक कर कलेक्ट होगा। केंद्र सरकार ने कहा था, पांच साल तक VAT यानी वैल्यू एडेड टैक्स की तुलना में राज्यों को हुए नुकसान की भरपाई की जाएगी। राज्यों को 14% संरक्षित राजस्व मिलेगा। इसके साथ ही अर्थव्यवस्था को पर्याप्त बढ़ावा दिया जाएगा। अब संरक्षित राजस्व की व्यवस्था खत्म हो गई। वहीं अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने का दूसरा वादा कभी पूरा ही नहीं हुआ।

 टीएस सिंहदेव ने कहा, केंद्र सरकार की कोशिश पेट्रोल-डीजल को भी GST के दायरे में लाने की है। यही वह सेक्टर है जहां राज्य सरकार GST लगा रही है। करीब 24% GST है। यह भी केंद्र के पास चला गया तो हमें इस राजस्व में भी भारी कमी होगी। क्योंकि बड़ा हिस्सा केंद्र के पास चला जाएगा। इससे उपभोक्ताओं का भी कोई खास फायदा नहीं होने वाला, लेकिन राज्य का बड़ा नुकसान हाेगा।

 


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