रायपुर। राज्य सरकार अब ग्रामीण नागरिकों के लिए एक नई उद्योग नीति शुरु करने जा रही है। इस योजना का उद्देश्य ग्रामीण इकाइयों को स्वावलंबी बनाना और रोजगार के अवसर बढ़ाना है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपनी सरकार की इस नई योजना के बारे में जानकारी दी और कहा कि अब ग्रामीणों को रुरल इंडस्ट्रियल पार्क से जोड़ा जाएगा। उन्होंने कहा कि गोठान से जुड़े रूरल इंडस्ट्रियल पार्क अधिकतर जगहों पर क्रियाशील हो रहे हैं और वे चाहते हैं कि अब पूरी तरह से यही करें और इसके पहले हमें ग्रामीण उद्योग नीति बनाने की दिशा में काम करना होगा।
सीएम बघेल सोमवार को पशुपालक ग्रामीणों, गोठानों से जुड़ी महिला समूहों और गोठान समितियों को लाभांश राशि के ऑनलाइन वितरण कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने अधिकारियों से कहा कि ग्रामीण उद्योग नीति बनाने के लिए संबंधित विभाग जल्द प्रक्रिया पूर्ण करें। जिससे जब पूर्ण रूप से रूरल इंडस्ट्रियल पार्क काम करना शुरू करेंगे तो इनसे जुड़े हितग्राहियों को बैंक से ऋण लेना और दूसरे व्यवसाय शुरू करने में मदद मिल सके।
सीएम ने कहा कि “यह गर्व की बात है कि राज्य में अब तक 4 हजार 927 गोठान पूरी तरह स्वावलंबी हो चुके हैं। अभी तक जो गोठान समूह दीया, वर्मी कम्पोस्ट इत्यादि बना रहे थे अब वे बिजली उत्पादन कर रहे हैं। पिछले दिनों बिजली उत्पादन के लिए जो एमओयू किए गए थे, उनमें बेमेतरा और बस्तर की यूनिट जमीनी स्तर पर मूर्त रूप ले चुकी है। अब इससे बनी बिजली को पावर ग्रिड से जोड़ने और उसकी कीमत तय करने का काम भी जल्दी ही पूरा कर लिया जाएगा।”
मुख्यमंत्री ने गोबर से पेंट बनाने की इकाई की समीक्षा करते हुए कहा कि ”21 जिलों में 23 पेंट की इकाई प्रक्रियाधीन हैं। 13 ईकाई पूर्ण हो गई हैं। 17 हजार लीटर से अधिक पेंट का उत्पादन हो गया है। 22 लाख रुपए से अधिक की राशि की आय अर्जित की गई है। आने वाले समय में जल्द ही स्कूलों और सरकारी कार्यालयों में बड़ी मात्रा में पेंट की आवश्यकता होगी। इसलिए हमें मांग और पूर्ति में संतुलन बनाकर प्राकृतिक पेंट का उत्पादन करना होगा ताकि सही समय में आवश्यकतानुसार पेंट की पूर्ति की जा सके।”