छत्तीसगढ़: धर्मांतरण को लेकर बवाल, हिंसक भीड़ ने एसपी पर भी कर दिया हमला


छत्तीसगढ़ में बीते चार साल में इसाई धर्म के खिलाफ हिंसा बढ़ी है, समाज के प्रतिनिधि इसके लिए राज्य सरकार को ज़िम्मेदार बताते हैं।


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छत्तीसगढ़ Updated On :
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रायपुर। नारायणपुर जिले में चर्च में हमले, तोड़फोड़ को लेकर आदिवासी समाज ने अपना बयान जारी किया है। अब तक इस घटना का आरोपी पक्ष बताए जा रहे आदिवासी समाज ने अब इस घटना से खुद को दूर बताया है। सर्व आदिवासी समाज के अध्यक्ष हीरा सिंह ने कहा है कि उनका इस पूरे हुड़दंग से कोई लेना देना नहीं है और वे चाहते हैं कि सरकार इस पर कार्रवाई करे। उन्होंने कहा कि इस हमले के पीछे किसी संगठन विशेष का हाथ हो सकता है लेकिन सर्व आदिवासी समाज की ओर से वे फिर स्पष्ट कर रहे हैं कि किसी भी धार्मिक स्थल पर तोड़फोड़ में उनके समाज का कोई हाथ नहीं है।

हीरा सिंह ने कहा कि वे किसी धर्म के प्रति इस तरह का अपराध के खिलाफ हैं और इसकी घोर निंदा करते हैं। हमारे समाज का इसमें कोई हाथ नहीं है। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही जो लोग इस मामले में हमारा नाम लेकर दुष्प्रचार कर रहे हैं उन पर भी कार्रवाई हो।

(अपडेट)

छत्तीसगढ़ के नारायणपुर में अनियंत्रित भीड़ ने धर्मान्तरण के नाम पर हंगामा किया और एक गिरजाघर में घुसकर तोड़फोड़ कर दी। इस दौरान पुलिस भी मौके पर पहुंची तो भीड़ ने पुलिस टीम पर भी पथराव कर दिया। इस पथराव में नायारणपुर के एसपी भी फंस गए और एक पत्थर उनके सिर पर जा लगा।

एसपी के मुताबिक भीड़ काबू में थी लेकिन अचानक पथराव होने लगा। इस घटना के बाद छत्तीसगढ़ में एक बार फिर इसाई समाज के लोगों पर होते रहे हमलों को लेकर चिंता व्यक्त की जा रही है क्योंकि पिछले पांत सालों में इसाई समाज पर हुए हमलों की संख्या बीते करीब दो दशक में सबसे अधिक है। इस दौरान राज्य सरकार पर आरोप लग रहे हैं कि वह भाजपा और आरएसएस की तरह ही सांप्रदायिकता को बढ़ावा दे रही है।

सोमवार को नारायणपुर जिले में धर्मांतरण के विरोध में आदिवासी समाज बंद का आयोजन किया बुलाया था। इस प्रदर्शन के तहत एक धरना होना था इस बीच भीड़ में शामिल कुछ लोगों का गुस्सा बढ़ गया और भीड़ बेकाबू हो गई और लोग चर्च में घुसकर तोड़फोड़ करने लगे। इस बीच जब पुलिस मौके पर पहुंची तो भीड़ ने पुलिस पर भी पथराव कर दिया।

 

भीड़ जब पुलिस पर पथराव कर रही थी तो नारायणपुर एसपी सदानंद कुमार भी इसकी चपेट में आ गए। एसपी के सिर पर पत्थर लगे जिसके चलते वे गंभीर रुप से घायल हो गए और उन्हें इलाज के लिए जिला अस्पताल ले जाया गया।

नारायणपुर जिले में धर्म परिवर्तन का मुद्दा बेहद गर्म है। पिछले दिनों यहां करीब बीस लोगों को इसलिए गांव से बाहर कर दिया गया था क्योंकि उन्होंने इसाई धर्म को अपना लिया था। सोमवार को बखरूपारा में धर्मांतरण के खिलाफ बड़ी संख्या में आदिवासी समुदाय के लोग एकत्रित हुए थे। आदिवासी समुदाय का आरोप है कि ईसाई समुदाय ने आदिवासियों के साथ मारपीट की है और इसके चलते भीड़ इकट्ठा हुई थी।

 

एसपी सदानंद कुमार ने अस्पताल में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि प्रदर्शनकारी दोपहर में विश्व दीप्ति क्रिश्चियन स्कूल के पास पहुंचे और स्कूल परिसर में स्थित एक चर्च की ओर बढ़ने की कोशिश की। घटना की जानकारी मिलते ही वे (एसपी)  अन्य अधिकारियों के साथ मौके पर पहुंचा और प्रदर्शनकारियों को शांत करने की कोशिश की। वे आश्वस्त लग रहे थे और लौटने वाले थे, लेकिन अचानक किसी ने मेरे सिर पर हमला कर दिया।

छत्तीसगढ़ में इसाई समाज के लोगों की संख्या करीब पांच लाख है जबकि राज्य की जनसंख्या  (2011 जनगणना के अनुसार) 2.55 करोड़ है यानी यहां कुल आबादी के करीब 1.92 प्रतिशत इसाई हैं।  बीते चार सालों में इसाई समाज के लोगों पर तीन सौ से अधिक बार हमले हो चुके हैं।

राज्य में इसाई समाज के प्रतिनिधि अरुण पन्ना लाल ने पिछले दिनों बीबीसी से बात करते हुए कहा था कि उनके राज्य में अब इसाईयों पर हो रहे हमलों को राज्य सरकार का भी सर्मथन मिलते हुए दिख रहा है। उन्होंने इस इंटरव्यू में कहा था कि भाजपा के शासन काल में पंद्रह वर्षों के दौरान इसाई धर्मावलंबियों के उपर बीस के आसपास हमलों की घटनाएं हुईं थीं लेकिन बीते चार सालों में यह संख्या 380 के पार हो चुकी है। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार तो अब इन मामलों में एफआईआर तक दर्ज नहीं कर रही है।

 


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