बिलासपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने कोरोना काल में शुरू की गई पांच किलोग्राम अतिरिक्त चावल वितरण व्यवस्था को बंद कर दिया है और उसकी जगह पर पहले की तरह जनवरी माह से ही राशन व्यवस्था लागू कर दी गई है।
पहले की तरह इस योजना के तहत कम सदस्य वाले कार्डधारियों को 10-10 किलोग्राम और अधिक सदस्य वाले कार्डधारकों को सात-सात किलोग्राम के हिसाब से मुफ्त में राशन मिलता रहेगा।
जब देश-प्रदेश में कोरोना संक्रमण के साथ रोजगार के अवसर समाप्त होने लगे थे और लोगों के सामने दो जून की रोटी जुटाना मुश्किल हो रहा था तब इसे देखते हुए केंद्र सरकार ने प्रत्येक कार्ड में सदस्य संख्या के आधार पर एनएफएस के अंतर्गत पांच किलोग्राम मुफ्त चावल देने की व्यवस्था की थी।
लोगों को पांच किलोग्राम मुफ्त चावल मिलने की यह सुविधा लोगों को तकरीबन दो साल तक जारी रही और अब देश में हालात सामान्य होता देख केंद्र ने मुफ्त खाद्यान्न वितरण प्रणाली में फिर से बदलाव किया है।
एक जनवरी से अब प्रदेश सहित जिले के एपीएल को छोड़ सभी प्रकार के राशन कार्डधारियों को अतिरिक्त चावल देना बंद कर दिया गया है। लोगों को प्रधानमंत्री मुफ्त राशन वितरण व्यवस्था के बंद होने के बाद सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत निःशुल्क चावल वितरण की व्यवस्था की गई है।
बता दें कि बीते दिनों केंद्र सरकार की योजना के क्रियान्वयन में जमकर फर्जीवाड़ा का पर्दाफाश हुआ था और पता चला कि मुफ्त चावल वितरण योजना में जमकर गड़बड़ी की गई जिसे लेकर भाजपा नेताओं ने इसे मुद्दा भी बनाया था।
इन्हें मिलेगा इतना राशन –
दो सदस्य वाले कार्डधारियों को 20 किलोग्राम चावल, तीन से पांच सदस्य वाले राशन कार्डधारियों 35 किलोग्राम प्रति कार्ड चावल मिलेगा। सदस्यों की संख्या इससे अधिक होने पर प्रत्येक सदस्य को सात-सात किलोग्राम के हिसाब से मुफ्त राशन मिलेगा।
शक्कर, चना के लिए लेने होंगे पैसे –
अंत्योदय, निराश्रित, नि:शक्त तथा प्रथामिकता परिवार कार्डधारियों को अपने कोटे का चावल लेने पर एक रुपये भी देना नही पड़ेगा, लेकिन शक्कर तथा आदिवासी क्षेत्रों में चना वितरण के लिए जो राशि निर्धारित है, उसकी कीमत जमा करनी पड़ेगी। इसके अलावा एपीएल कार्डधारियों को 10 रुपये के दर से चावल मिलेगा।