बिलासपुर। सरकार को समर्थन मूल्य यानी एमएसपी पर धान बेचने वाले किसानों को इस बार टोकन लेने के लिए समितियों में लंबी-लंबी लाइनों में नहीं खड़ा होना पड़ रहा है।
छत्तीसगढ़ सरकार ने तुंहर हाथ ऐप जारी किया है जिसके माध्यम से किसान ऑनलाइन टोकन ले रहे हैं और धान बेचने के लिए अपनी सुविधानुसार ऑनलाइन तारीख भी निर्धारित कर रहे हैं।
ऐप के कारण समिति प्रबंधकों पर किसानों की निर्भरता खत्म हो गई है। हालांकि, ऑनलाइन के अलावा पूर्व की भांति समितियों में भी किसानों को टोकन देने का काम हो रहा है।
राज्य शासन द्वारा जारी किए गए आंकड़ों पर नजर डालें तो धान खरीदी के लिए किसानों ने अब तक समितियों से 79 हजार 899 टोकन व ऐप के जरिये ऑनलाइन 18 हजार 108 टोकन प्राप्त किया है।
आपको बता दें कि प्रदेश में समर्थन मूल्य पर धान बेचने वाले किसानों की संख्या इस बार बढ़ गई है और यह आंकड़ा दो लाख 26 हजार के करीब है। वहीं, केवल बिलासपुर जिले में 15 हजार नए किसानों ने धान बेचने के लिए पंजीयन कराया है।
धान बेचने के लिए समितियों में अब किसानों की भीड़ बढ़ने लगी है और यहां धान डंप होने लगा है। राज्य शासन की व्यवस्था के अनुसार खरीदी के बाद उठाव भी करना है।
राइस मिलर्स के अलावा संग्रहण केंद्र के लिए धान का उठाव किया जा रहा है। कस्टम मिलिंग के तहत केंद्रीय पूल में चावल की आपूर्ति के लिए खाद्य विभाग ने जिले के 117 राइस मिलर्स से चावल की आपूर्ति के लिए अनुबंध किया है।
राइस मिलर्स को धान के उठाव के लिए डीओ भी जारी कर दिया गया है। समितियों या फिर संग्रहण केंद्रों से इनको धान का उठाव करना है।
इसके साथ ही शासन द्वारा धान खरीदी के लिए राज्य में दो हजार 568 नए उपार्जन केंद्र की स्थापना की गई है वहीं बिलासपुर जिले में छह नए उपार्जन केंद्र की स्थापना की गई है। किसानों की मांग को ध्यान में रखते हुए यह बढ़ोत्तरी की गई है।
इसके साथ ही सीमावर्ती राज्यों से धान के अवैध परिवहन पर रोक लगाने के लिए जांच चौकी बनाई गई है जहां पुलिस के जवानों की 24 घंटे ड्यूटी लगाई गई है। साथ ही साथ जांच चौकी में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं।