रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने चिटफंड कंपनी में हुए फर्जीवाड़े को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह पर निशाना साधा और कहा कि रमन सिंह और उनका परिवार चिटफंड कंपनी के एक प्रकार से ब्रांड एंबेसडर हैं।
गौरेला-पेंड्रा-मरवाही में मीडिया से बात करते हुए सीएम बघेल ने आरोप लगाए कि रमन सिंह ने अपनी सरकार में रोजगार मेला लगाकर चिटफंड कंपनियों में रुपये जमा करवाये। लोगों के साढ़े 6 हजार करोड़ रुपये फंसे हुए हैं। कहीं तो निवेश हुए होंगे। प्रदेश में ED और IT वाले घूमते रहते हैं। इसकी जांच क्यों नहीं करते।
गौरेला में मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि राहुल गांधी पर एक आरोप लगा जिसकी न तो कहीं शिकायत और न ही कोई एफआईआर हुई। इसके बाद भी 5 दिनों तक दिल्ली में ईडी उन्हें बुलाकर पूछताछ करती रही।
यहां रमन सिंह सरकार में साढ़े 6 हजार करोड़ का घोटाला हुआ है। ईडी जब यहां घूम रही है तो रमन सिंह के समय चिटफंड कंपनियों के जरिये हुए मनी लॉन्ड्रिंग की जांच होनी चाहिए।
भूपेश बघेल ने कहा कि अब हम और हमारी सरकार कोशिश कर रही है कि चिटफंड कंपनियों से वसूल कर लोगों को उनके रुपये का भुगतान कर दें।
मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि केंद्रीय जांच एजेंसियों का दुरुपयोग किया जा रहा है और भाजपा शासित राज्यों में यह एजेंसियां कोई कार्रवाई नहीं करतीं।
ईडी, आईटी और सीबीआई जैसी सारी एजेंसियों की सारी कार्रवाई विपक्ष पर हो रही है। जो भाजपा में जाता है, वह दूध का धुला हो जाता है। साफ हो जाता है। उसकी जांच नहीं होती, सब बंद होता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं किसी से नहीं डरता हूं। यहां झीरम घाटी हमले में कांग्रेस के बड़े नेता शहीद हो गए इसलिए कांग्रेसियों ने डरना छोड़ दिया है। हमें किसी से डर नहीं लगता है।