रायपुर। प्रदेश सरकार अब कानून व्यवस्था सुधारने के लिए कुछ और आधुनिक कदम उठाने जा रही है। आने वाले दिनों में छत्तीसगढ़ पुलिस महकमे को ड्रोन आई से लैस करने की तैयारी है। हालांकि कई जिला पुलिस बल के पास ड्रोन सुविधा मौजूद है और जिनके पास सुविधा नहीं है वे प्राइवेट ड्रोन ऑपरेटर्स की सेवाएं लेते हैं। सरकार द्वारा पुलिस विभाग की जरुरतों को देखते हुए अब यह कदम उठाए जा रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि नक्सल प्रभावित छत्तीसगढ़ में ड्रोन का उपयोग सुरक्षा बलों के लिए काफी कारगर रहा है। ऐसे में अब पुलिस को भी निगरानी के लिए ड्रोन दिये जाएंगे। राज्य शासन को उम्मीद है कि इससे अपराधिक गतिविधियों को रोकने और व्यवस्थागत सुधार में मदद मिलेगी।
सरकार पहली खेप में 32 ड्रोन खरीदने की तैयारी कर रही है। हालांकि पहले भी ड्रोन उपलब्ध कराने के प्रयास किये गए थे और इसका टेंडर भी जारी किया गया था लेकिन तकनीकी दिक्कतों के चलते यह काम नहीं हो सका था। ऐसे में अब पुलिस विभाग भी उम्मीद कर रहा होगा कि सरकार पिछली गलतियों को न दोहराते हुए काम करेगी। राज्य सरकार के गृह विभाग की कोशिश है कि सभी जिलों में पुलिस के पास कम से कम एक ड्रोन ज़रूरी तौर पर हो। इसके लिए जिला पुलिस के कर्मचारियों को ड्रोन ऑपरेट करने के लिए प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।
ये होंगे लाभः
- त्यौहार और राजनीतिक कार्यक्रमों के दौरान भीड़-भाड़ भरे इलाकों में नज़र रखना आसाना होगा।
- तनाव या दंगे जैसी स्थिति में ड्रोन से कम समय में ज्यादा जानकारी मिल सकेगी।
- अप्रिय स्थिति में आरोपियों को पकड़ने में भी ड्रोन मदद करता है, उप्र में दंगों के दौरान इसका लाभ पुलिस को हुआ।
- नक्सल प्रभावित इलाकों में पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों को ड्रोन की मदद से सुरक्षित रहने में मदद मिलती है। यहां घात लगाकर हमला करने वाले मामले कम हुए हैं।