रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने विश्व वानिकी दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना का शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना छत्तीसगढ़ वन विभाग द्वारा लागू की जाएगी।
इसमें विभाग किसानों, भूस्वामियों और गैर सरकारी संगठनों सहित विभिन्न हितधारकों के साथ समन्वय करेगा। विभाग यह सुनिश्चित करने के लिए तकनीकी सहायता और प्रशिक्षण प्रदान करेगा कि पेड़ व्यवस्थित और टिकाऊ तरीके से लगाए गए हैं।
योजना कई चरणों में लागू होगी और अगले तीन वर्षों में राज्य भर में 6 करोड़ पेड़ लगाने का सरकार द्वारा लक्ष्य रखा गया है।
किसानों और भूस्वामियों को वित्तीय सहायता प्रदान करके राज्य भर में वृक्षारोपण को बढ़ावा देना ही इस योजना का उद्देश्य है। इससे रोजगार के अवसर पैदा होंगे।
छत्तीसगढ़ हमेशा से ही अपने घने जंगल और समृद्ध जैव विविधता के लिए जाना जाता रहा है। आज के समय में औद्योगीकरण और अन्य मानवीय गतिविधियों के कारण वन आवरण का बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ है।
सरकार वन कटाई के प्रभावों का मुकाबला करने और पर्यावरण के संरक्षण के लिए वृक्षारोपण को बढ़ावा देने के लिए तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता को पहचान कर उस पर कार्यरत है। यह योजना इसी का एक अंग है।
क्या है मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना –
इस योजना के अन्तर्गत छत्तीसगढ़ सरकार 5 एकड़ तक भूमि पर वृक्षारोपण के लिए पूर्ण अनुदान देगी। 5 एकड़ से अधिक भूमि पर पेड़ लगाने के लिए सरकार 50 प्रतिशत वित्तीय अनुदान प्रदान करेगी। इस प्रकार राज्य में हरित क्षेत्र को बढ़ाने में योगदान मिलने की पूरी उम्मीद है।
किसको और क्या होंगे लाभ –
राज्य विशेष के लोगों के लिए मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना के कई फायदे हैं। यह राज्य के हरित आवरण को बढ़ाने में मदद तो करेगा ही साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों के लिए रोजगार के अवसर भी प्रदान करेगा।
वृक्षारोपण की यह योजना मिट्टी और जल संसाधनों के संरक्षण, जलवायु परिवर्तन और वायु प्रदूषण के प्रभावों को कम करने और राज्य में लोगों के जीवन की समग्र गुणवत्ता में सुधार करने में निश्चय ही मददगार साबित होगी। साथ ही वातावरण शुद्धता से सेहत तो बेहतर बनेगी ही।