रायपुर। मकर संक्रांति के अवसर पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को खास उपहार के तौर पर मिलेट हैंपर भेजा है जिसकी जानकारी सीएम बघेल के ट्विटर मीडिया हैंडल से दी गई है।
सीएम बघेल ने ‘मिलेट मिशन को बढ़ावा मिले, मकर संक्रांति पर यही कामना है’ लिखते हुए प्रधानमंत्री के अलावा केंद्रीय मंत्रियों, मुख्यमंत्रियों, कलाकारों, साहित्यकारों, मीडिया, फिल्म जगत, राजनीतिक क्षेत्र से जुड़े व्यक्तित्वों को भी मिलेट हैंपर भेजा है।
बता दें कि छत्तीसगढ़ सरकार मिलेट के उत्पादन और इस्तेमाल को लेकर हर स्तर पर काम कर रही है जिसकी तारीफ पीएम मोदी भी कर चुके हैं।
इस बीच, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने एक बार फिर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर मिलेट फसलों के उत्पादन एवं इस्तेमाल को बढ़ावा देने तथा इसे जन आंदोलन बनाने के लिए पहल करने का आग्रह किया है।
#मकर_संक्रांति के शुभ अवसर पर आज प्रधानमंत्री जी, केंद्रीय मंत्रियों, मुख्यमंत्रियों, कलाकारों, साहित्यकारों, मीडिया, फ़िल्म जगत, राजनीतिक क्षेत्र से जुड़े व्यक्तित्वों को #मिलेट_हैंपर प्रेषित कर रहा हूँ।
मिलेट मिशन को बढ़ावा मिले, मकर संक्रांति पर यही कामना है। #मिलेट_राज्यCG pic.twitter.com/vDuctMKpws
— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) January 14, 2023
मुख्यमंत्री ने पत्र में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत वितरित अनाजों, मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम, पोषण आहार तथा आश्रम-छात्रावासों के छात्रों को दिये जा रहे रियायती अनाज में 20 से 25 प्रतिशत मात्रा मिलेट फसलों कीशामिल करने का आग्रह किया है।
सीएम बघेल ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा राज्य सरकारों को मिलेट फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर संग्रहण करने के संबंध में निर्णय लेने और राज्य सरकारों को रियायती दर पर अनाज वितरण तथा पोषण आहार से संबंधित योजनाओं में उपयोग के लिए रियायती दर पर मिलेट प्रदाय करने का निर्णय लेने का आग्रह किया है।
सीएम बघेल ने चिट्ठी में लिखा है कि संयुक्त राष्ट्र संघ यानी WHO द्वारा भारत सरकार की पहल पर वर्ष 2023 को अंतरराष्ट्रीय मिलेट वर्ष घोषित किया गया है। एनीमिया एवं कुपोषण के नियंत्रण में मिलेट फसलों की महत्वपूर्ण भूमिका हो सकती है। दुर्भाग्य से विगत वर्षों में विपणन व्यवस्था के अभाव के कारण देश में मिलेट फसलों के उत्पादन में कमी आई है।
बता दें कि छत्तीसगढ़ में मिलेट फसलों के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए मिलेट मिशन की स्थापना की गई है। साथ ही कोदो, कुटकी एवं रागी का न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित कर इनके संग्रहण एवं विपणन की व्यवस्था की गई है।
राज्य में मिलेट उत्पादकों को नौ हजार रुपये प्रति एकड़ इनपुट सब्सिडी भी दी जा रही है। देश के किसी भी राज्य में मिलेट फसलों के उत्पादकों को इतनी अधिक सहायता नहीं दी जा रही।