बस्तर। भारत का सबसे बड़ा केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) आज अपना 84वां स्थापना दिवस मना रहा है। यह दिन राष्ट्र की एकता, अखंडता और संप्रभुता को बनाए रखने में बल के विशाल और अद्वितीय योगदान का प्रतीक है। इस साल CRPF छत्तीसगढ़ के जगदलपुर से लगे करणपुर में पहली बार अपना स्थापना दिवस मना रहा है।
बस्तर में आयोजित CRPF के 84वें स्थापना दिवस समारोह को संबोधित करते हुए शनिवार को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा यह एक बड़ी उपलब्धि है कि बस्तर में हम स्थापना दिवस समारोह मना रहे हैं। उन्होंने कहा कि वामपंथी उग्रवाद हिंसा की घटनाओं में 76 फीसदी की गिरावट आई है।
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि मैं बस्तर में खड़ा होकर आप लोगों के बीच बोल रहा हूं। आज नक्सलियों का जो खात्मा हो रहा है। ये सीआरपीएफ की बदौलत है। एक बटालियन से शुरू हुई CRPF आज देश के सभी कोने में मौजूद है।
उन्होंने कहा कि 2010 की तुलना में देश में वामपंथी उग्रवाद हिंसा की घटनाओं में 76 फीसदी की गिरावट हुई है। इसी का नतीजा है कि मौतों में 78 फीसदी की कमी आई है। उग्रवाद के खिलाफ लड़ाई जारी है। उन्होंने कहा कि मैं इस भव्य स्थापना समारोह के लिए आप सबको बधाई देता हूं।
CRPF देश की शांति और सुरक्षा का मजबूत आधार –
केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा कि इतिहास में CRPF का अहम योगदान है। उनके कल्याण के लिए भारत सरकार ने अहम कदम उठाए हैं। जवानों ने उग्रवादियों से लड़ाई लड़ी है। 18 हजार से ज्यादा आदिवासी भाइयों को जवानों ने दवाई से लेकर सभी सुविधाएं मुहैया कराई है।
केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा कि 2,249 शहीद जवानों को श्रद्धांजलि देता हूं, जिन्होंने देश के लिए अपनी कुर्बानी दी है। देश की शांति और सुरक्षा का मजबूत आधार CRPF बन गई है।
सरकार के प्रयासों का दिख रहा असर –
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने बस्तर में कहा कि वामपंथी उग्रवाद के खिलाफ हमारी लड़ाई अंतिम चरण में है। मैं शहीद परिवारों के प्रति अपनी कृतज्ञता प्रकट करता हूं। आंतरिक सुरक्षा में सीआरपीएफ जवानों की अहम भूमिका है। 174 विकास कार्यों का लोकार्पण हुआ है।
गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि वामपंथियों और उग्रवादियों की फंडिंग के स्रोत को रोकने के लिए हमने एनआईए और ईडी को एक्टिव किया है। इसका नतीजा है कि आज नक्सलियों की कमर टूट गई है।
जटिल ऑपरेशन में बढ़ा प्रौद्योगिकी का उपयोग –
केंद्र सरकार द्वारा उपलब्ध कराए गए आतंकरोधी अभियानों में शामिल किए गए उपकरणों में वॉल-थ्रू राडार और हैंड-हेल्ड थर्मल इमेजर्स जैसे अन्य गैजेट भी CRPF के लिए मददगार साबित हो रहे हैं। इन उपकरणों ने जटिल ऑपरेशन में जवानों के लिए जोखिम को कम किया है।
सैनिकों को 360 डिग्री सुरक्षा उपलब्ध कराने के लिए क्रिटिकल सिचुएशन रिस्पॉन्स व्हीकल का इस्तेमाल किया जा रहा है, जो बुलेट प्रूफ है और इसका इस्तेमाल कमरे में हस्तक्षेप करने या दुश्मन को घेरने के लिए किया जा सकता है।
CRPF की स्थापना –
CRPF भारत का सबसे बड़ा केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल है, जो गृह मंत्रालय (MHA) के अधिकार के तहत संचालित होता है। नई दिल्ली में मुख्यालय, सीआरपीएफ 27 जुलाई 1939 को ‘क्राउन रिप्रेजेंटेटिव पुलिस’ के रूप में अस्तित्व में आया।
स्वतंत्रता के बाद, यह 28 दिसंबर 1949 को ‘सीआरपीएफ अधिनियम’ के अधिनियमन पर केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल बन गया, जिसने सीआरपीएफ को संघ के सशस्त्र बल के रूप में गठित किया।
तत्कालीन गृह मंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल ने एक नव स्वतंत्र भारत की बदलती जरूरतों के अनुरूप बल की बहुआयामी भूमिका की कल्पना की थी।
यूएन पीसकीपिंग मिशन में CPRF की भूमिका –
CPRF भारत का पहला अर्धसैनिक बल है, जिसने अपनी सेना को संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन में भेजा था। पहली बार, महिलाओं की एक टुकड़ी सहित CPRF की 13 कंपनियों को श्रीलंका में उग्रवादी कैडरों से लड़ने के लिए भारतीय शांति सेना में शामिल होने के लिए हवाई मार्ग से भेजा गया था।
अन्य संयुक्त राष्ट्र शांति मिशनों के एक भाग के रूप में कानून और व्यवस्था की स्थिति से निपटने के लिए सीआरपीएफ कर्मियों को हैती, नामीबिया, सोमाली4 मालदीव, कोसोवो और लाइबेरिया में भी भेजा गया था।
1970 के दशक के अंत में, जब चरमपंथी तत्वों ने त्रिपुरा और मणिपुर राज्यों में शांति भंग की, सीआरपीएफ बटालियनों को पूरी ताकत के साथ कार्रवाई में लगाया गया।