छत्‍तीसगढ़: रविवार को मिले 3963 कोरोना संक्रमित, 12.17 हुई पॉजिटिविटी दर


राजधानी रायपुर में 1215, दुर्ग में 511, कोरबा में 328, बिलासपुर में 301, रायगढ़ में 293, राजनांदगांव में 200 समेत अन्य जिलों में मरीज मिले हैं।


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छत्तीसगढ़ Published On :
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रायपुर। छत्‍तीसगढ़ में बीते 24 घंटे यानी रविवार को संसदीय सचिव गुरुदयाल सिंह बंजारे समेत 3963 लोगों की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। राज्य में 32,563 सैंपलों की कोरोना जांच में पॉजिटिविटी दर 12.17 फीसदी रहा जबकि राज्य में सक्रिय मरीजों की संख्या 32,792 है।

रविवार रात जारी स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक राजधानी रायपुर में 1215, दुर्ग में 511, कोरबा में 328, बिलासपुर में 301, रायगढ़ में 293, राजनांदगांव में 200 समेत अन्य जिलों में मरीज मिले हैं।

कोरोना होने के बाद छिपाने की स्थिति को देखते हुए प्रशासन ने एक और निर्देश जारी किया है। अब कोविड-19 जांच केंद्रों में जांच कराने आने वाले लोगों के निवास पता के साथ दो अन्य लोगों का संपर्क नंबर लिया जाएगा।

बता दें कि कई लोग कोविड टेस्टिंग के दौरान निवास का स्पष्ट पता और संपर्क नंबर सही नहीं दिया जा रहा है। इसके कारण मरीजों के कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग एवं सैम्पलिंग में कठिनाइयां आ रही हैं।

अपर कलेक्टर ने सभी कोविड-19 जांच केंद्रों को निर्देशित किया है कि कोविड-19 की जांच कराने हेतु आने वाले व्यक्तियों के निवास का पूर्ण पता एवं दो अन्य संपर्क नंबर लेने के बाद कार्रवाई करें, ताकि व्यक्ति के पॉजिटिव होने पर मरीज के संपर्क में आने वाले व्यक्तियों की कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग एवं सैम्पलिंग की जा सके।

कोरोना संक्रमित मरीजों की पहचान और बेहतर इलाज उपलब्ध कराने शासन द्वारा निःशुल्क जांच व इलाज की व्यवस्था की गई है। केंद्रों में जांच के बाद मरीजों की जांच रिपोर्ट आने पर यह सामने आ रहा है कि कोविड टेस्टिंग के दौरान मरीजों के द्वारा निवास का स्पष्ट पता व मोबाइल नंबर सही नहीं दिया जा रहा है। इसके कारण मरीजों के कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग व सैम्पलिंग में कठिनाइयां आ रही है।

प्रशासन ने सभी कोविड-19 जांच केंद्रों को निर्देशित किया है कि कोविड-19 की जांच कराने के लिए आने वाले व्यक्तियों के निवास का पूर्ण पता व दो अन्य संपर्क नंबर लिया जाए। ताकि पॉजिटिव होने पर मरीज के संकर्प में आने वाले व्यक्तियों की कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग व सैम्पलिंग की जा सके। जांच के लिए आने वाले मरीजों द्वारा गलत नंबर देने या पहचान छिपाने पर एफआइआर दर्ज कराई जाएगी।


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