नरसिंहपुर। वन्य जीवों की स्थिति के बारे में नरसिंहपुर जिले से निराशाजनक खबर है। यहां गिद्धों की संख्या शून्य है। जिले के किसी भी जंगली क्षॆत्र में गिद्धों की मौजूदगी नहीं पाई गई है।
प्रदेश व्यापी गिद्ध गणना 2020-21 के तहत प्रदेश भर में गिद्धों की गणना की गई थी। जिसमें नरसिंहपुर जिले में एक भी गिध्द नहीं पाया गया। वन विभाग के अमले ने गोटीटोरिया वन क्षेत्र के जामगांव, वनक्षेत्र मुगवानी व हीरापुर सांकल आदि क्षेत्रों की ओर गिद्धों के घोसलें खोजे गए लेकिन एक भी घोंसला यहां नहीं पाया गया जबकि पन्ना जिले में सबसे ज्यादा एक हजार 774 दिन पाए गए।
देश में तेजी से बढ़ते बाघों के लिए मशहूर पन्ना टाइगर रिजर्व में गिद्धों के 68 आवास चिन्हित किए गए। जहां बैठे 56 बच्चे और और 664 बड़े गिद्धों की गणना की गई है।
पन्ना टाइगर रिजर्व के क्षेत्र संचालक उत्तम कुमार शर्मा ने बताया कि यह संख्या पिछले वर्ष की तुलना में काफी अच्छी है। पन्ना टाइगर रिजर्व के अलावा उधर उत्तर वन मंडल में 438 और दक्षिण मंडल में 614 गिद्धों की गणना की गई।
इस तरह पन्ना जिले में कुल एक हजार 774 पाए गए जो प्रदेश में किसी भी जिले में पाई गई संख्या से कहीं अधिक है। इस गणना के अनुसार मध्य प्रदेश में कुल 9 हजार 408 गिद्ध पाए गए है।
नरसिंहपुर जिले में गिद्धों की संख्या निरंक पाई गई है। गणना में यद्यपि घोंसले गिने जाते हैं तो वह अभी फिलहाल निरंक ही रहे। यहां वर्ष 2019 में हुई गणना में भी गिध्द नहीं पाए गए थे। जिले में मुगवानी, वन क्षेत्र जामगांव, हीरापुर में गिद्धों की खोज खबर ली गई थी लेकिन एक भी गिद्ध नहीं पाए गए।
महेंद्र सिंह उईके, जिला वन मंडल अधिकारी, नरसिंहपुर