खरगोन। शासन द्वारा हाईस्कूल एवं हायर सेकंडरी में छात्र/छात्राओं के परीक्षा परिणाम के साथ ही प्रतिशत तय करने के आदेश का विरोध शुरू हो गया है।
ट्राइबल वेलफेयर टीचर्स एसोसिएशन एवं अपाक्स ने संयुक्त रूप से ज्ञापन सौंपकर इस आदेश को अजीब व हैरतभरा करार देते हुए निरस्त करने की मांग की है।
एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष अतीक खान ने कहा कि शासन द्वारा जारी आदेश से शिक्षक हैरत में हैं। इस सत्र में स्कूल सात माह बंद रहे, विगत 18 दिसंबर से पालकों की सहमति से केवल बच्चे आ सकते हैं, जिसमें आधे से भी कम बच्चे आ रहे हैं।
दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्र में ऑनलाइन पढ़ाई भी नहीं हो पा रही हैं। ऐसे में शिक्षकों को नौवीं में 59 प्रतिशत, 10वीं में 64 प्रतिशत, 11वीं का 81 प्रतिशत एवं 12वीं का 73 प्रतिशत परीक्षा परिणाम देने की शर्त रखना और इसके अतिरिक्त छात्रवार भी एडवांस परिणाम चाहा गया है जो हास्यास्पद है।
ऐसे आदेश शिक्षकों का मनोबल तोड़ने के साथ ही शिक्षा को मजाक बनाने जैसा प्रतीत होता है। इसे निरस्त किया जाए, अन्यथा उग्र आंदोलन को बाध्य होंगे।