इंदौर। मध्यप्रदेश में बर्ड फ्लू की पुष्टि हो चुकी है। यहां पक्षियों की मौत का सिलसिला जारी है। बर्ड फ्लू से बचने के लिए चिकन और मीट की दुकानों को बंद करवाया जा रहा है। इसके लिए इंदौर, खंडवा और उज्जैन में निर्देश जारी कर दिए गए हैं।
प्रदेश में 21 जिलों में बर्ड फ्लू का खतरा बताया जा रहा है और नौ जिलों में बर्ड फ्लू की पुष्टि पशुपालन विभाग द्वारा की जा चुकी है। अब तक करीब छह सौ से अधिक पक्षियों की मौत सामने आ चुकी है।
पिछले कुछ दिनों में इंदौर और आसपास के जिलों में सबसे ज्यादा बर्ड फ्लू के मामले मिले हैं। इंदौर के मूसाखेड़ी इलाके में चिकन में बर्ड फ्लू लक्षण मिलने के बाद 200 मुर्गे-मुर्गियों और 300 अंडे जब्त कर लिए गए और उन्हें बाद में प्रक्रिया के अनुसार नष्ट किया गया।
बता दें कि इंदौर शहर और जिले में चिकन की काफी खपत होती है। यहां शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में पॉल्ट्री फॉर्म बंद करवा दिए गए हैं।
राज्य सरकार ने पहले ही दक्षिण के राज्यों से आने वाले चिकन पर रोक लगा दी है। अब स्थानीय स्तर पर भी रोक लगाई जा रही है।
अब खरगोन, शिवपुरी, बैतूल, गुना, अशोकनगर, दतिया और देवास सहित कई दूसरे जिलों में पॉल्ट्री फॉर्म की निगरानी की जा रही है। यहां पक्षियों के सैंपल लिए जा रहे हैं।
इसके अलावा उज्जैन में भी बर्ड फ्लू के कारण कई चिकन-मीट की दुकानें बंद बंद करवाई गई हैं। इसके बाद से चिकन के दाम अचानक से गिर गए हैं। इनमें दो गुने तक का अंतर आया है।
कोरोना वायरस के बाद अब बर्ड फ्लू की मार भी पॉल्ट्री फॉर्म संचालकों पर पड़ी है। कोरोना काल में फॉर्म बंद हो गए थे।