– चौतीस सदस्यों में से उन्नीस ने किया मत का उपयोग, सभी एक गुट के ही समर्थक।
महू। डॉ. आंबेडकर मेमोरियल सोसायटी के चुनाव को लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा था, जिसका पटापेक्ष सोमवार को हुए चुनाव के साथ ही हो गया। इसमें चौतीस सदस्यों में से मात्र उन्नीस सदस्यों ने अपने मत का उपयोग किया जिसमें सभी ने भंते सुमेध बोधी को अध्यक्ष व राजेश वानखेडे को सचिव चुना।
सोसायटी चुनाव को लेकर लंबे समय से कशमकश चल रही थी। स्मारक सोसायटी पर अपना वर्चस्व बनाने के लिए दो गुट जी-जान से प्रयास कर रहे थे। एक साल पूर्व भी सदस्यों ने अपने-अपने अध्यक्ष व सदस्य चुन लिए थे, जिसको लेकर काफी विवाद हुआ और मामला न्यायालय तक पहुंच गया।
लगातार बढ़ते विवाद के कारण जिला प्रशासन ने सारी बागडोर अपने हाथों में ले ली और प्रशासन की और से एक प्रशासक नियुक्त कर दिया गया था। एक पक्ष द्वारा नए सदस्यों को लेकर न्यायालय में लगाई गई आपत्ति खारिज होने के बाद सोमवार को सोसायटी के चुनाव संपन्न कराए गए।
इसके लिए महू तहसील कार्यालय में सुबह से आंबेडकर अनुयायियों का आना आरंभ हो गया था। दोपहर ढाई बजे तक मतदान का समय तय किया गया था। इसके लिए अध्यक्ष सहित नौ सदस्य चुने जाना थे जिसके लिए कुल ग्यारह उम्मीदवार खड़े हुए। पैंतीस सदस्यों में से मात्र उन्नीस सदस्यों ने ही इस प्रक्रिया में भाग लिया।
अध्यक्ष पद के लिए भदंत उपगुप्त महाथोरे व भंते सुमेध बोधी मैदान में थे, लेकिन भदंत उपगुप्त के नहीं आने व एक पक्ष के किसी भी दावेदार व सदस्य के नहीं आने के कारण सभी मत विजयी पक्ष को मिले।
डॉ. आंबेडकर मेमोरियल सोसायटी के प्रशासक अभय बेडेकर ने बताया कि
सोमवार को संपन्न चुनाव में अध्यक्ष भंदत सुमेध बोधी, उपाध्यक्ष प्रकाश वाघमारे, राजेंद्र वाघमारे, सचिव राजेश वानखेडे, कोषाध्यक्ष सुनील खंडेराव तथा सदस्य प्रकाश वानखेडे, डॉ. अनिल गजभिये, सुदेश बागडे और राजुकुमार अंबोरे चुने गए।
इस चुनाव को लेकर दूसरे पक्ष ने न्यायालय में आपत्ति लेते हुए इस पर रोक लगाने की तथा बारह सदस्यों को नियमों के विरूद्ध सदस्य बनाने की शिकायत करते हुए जांच की मांग की थी, लेकिन न्यायालय ने इस आपत्ति को खारिज कर दिया।
कोर्ट ने बारह सदस्यों की जांच के बाद निर्णय देने के आदेश दिए व चुनाव प्रक्रिया संपन्न कराने को कहा। चुनाव के बाद प्रशासक अभय बेडेकर, एसडीएम अभिलाष मिश्रा, तहसीलदार धीरेंद्र पाराशर व नायब तहसीलदार रितेश जोशी ने स्मारक पहुंच कर सभी व्यवस्थाएं देखी व बाद में स्मारक की चाबी नए अध्यक्ष व सदस्यों का सौंपी।