भोपाल। मध्यप्रदेश में सत्ता की चाबी तो भारतीय जनता पार्टी के हाथ लग गई है लेकिन इसके साईड इफेक्ट्स भी साथ चल रहे हैं। सरकार बनने के बाद से अब तक मंत्री मंडल का विस्तार नहीं हो पा रहा है। विधानसभा चुनावों में मिली जीत के बाद भाजपा उत्साहित है जीतने वाले सभी 19 विधायक पद चाहते हैं। पिछले दिनों इसके लिए उनके द्वारा भाजपा संगठन पर दबाव डाले जाने की भी खबरें सामने आईं थीं। जिसमें कहा गया था कि उनकी बात नहीं माने जाने पर वे अपने सर्मथकों से फिर इस्तीफ़ा दिलवा सकते हैं हालांकि यह बात फिलहाल नज़र नहीं आ रही है।
सिंधिया के सर्मथकों में किसे कौन सा पद मिलेगा इसका फैसला बड़े नेता मिलकर करेंगे। यह कवायद भी जारी है। सरकार बनवाने वाले राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया फिर एक बाद शनिवार को भोपाल पहुंच चुके हैं।
आज भोपाल आगमन पर भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा किये गये आत्मीय अभिनंदन के दौरान। pic.twitter.com/zKyTxDAgAN
— Jyotiraditya M. Scindia (@JM_Scindia) December 26, 2020
ज्योतिरादित्य सिंधिया, शिवराज और बीडी शर्मा मिलकर कौन-कौन से विषयों पर चर्चा करेंगे इसके तो कयास ही सामने आएंगे लेकिन एक बात तय है कि मंत्री पद को लेकर चर्चा हर हाल में होगी। सिंधिया के करीबी तुलसी सिलावट और गोविंद सिंह चुनाव जीत चुके हैं और अब फिर मंत्री बनना चाहते हैं। इसके अलावा इमरती देवी जैसी चुनाव हार चुके उनके करीबी सर्मथक भी पद की आस में बैठे हैं।
सत्ता के अलावा सिंधिया सर्मथकों को संगठन में भी समायोजित किया जाना है। सिंधिया सिहोर में भाजपा जिलाध्यक्षों के दो दिवसीय शिविर में हिस्सा लेंगे। यहां वे भाजपा के पदाधिकारियों से भी मुलाकात करेंगे। यहां प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव, सह प्रभारी पंकजा मुंडे, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, संगठन महामंत्री सुहास भगत आदि लोग शामिल होंगे।
इसके अलावा कुछ अन्य पदों पर भी चर्चा होनी है। इनमें सबसे बड़ा है विधानसभा अध्यक्ष का पद। भाजपा में अध्यक्ष पद के लिए कई दावेदार बताए जाते हैं। विधानसभा का तीन दिवसीय शीत कालीन सत्र शुरु होने वाला है।