जबलपुर। निजी कंपनियों की पहली ट्रेन जिस दिन रेल लाइन पर दौड़ेगी उसी दिन नेशनल फेडरेशन ऑफ इंडियन रेलवेमैन (एनएफआईआर) पूरे देश में एकसाथ रेल का पहिया जाम कर देंगे।
एनएफआईआर के महासचिव डॉ. एम राघवैया ने यह बात प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान रेलवे के निजीकरण को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में कही।
एनएफआईआर महासचिव डॉ. राघवैया ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बनारस में डीएलडब्ल्यू की प्रशंसा करते हुए किफायती दरों पर लोकोमोटिव का निर्माण कराया था।
इस दौरान पीएम मोदी ने कहा था कि वे कभी भी रेलवे का निजीकरण नहीं होने देंगे, लेकिन कुछ माह बाद ही वे रेलवे के निजीकरण व निगमीकरण को बढ़ावा देने में जुट गये।
रेलवे की उत्पादन इकाइयों के साथ-साथ 109 प्रमुख रेलमार्गों पर 150 निजी ट्रेनों को चलाने का ऐलान किया गया है। इसे हम कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे।
डॉ. राघवैया ने कहा कि
कोरोना काल में रेल कर्मचारियों ने जी-तोड़ मेहनत की और इस दौरान देश में 370 से अधिक रेल कर्मचारी कोरोना वायरस संक्रमण के कारण अकाल मृत्यु को प्राप्त हुए। सरकार ने इस समय भी कर्मचारियों के प्रति असंवेदनशीलता दिखाते हुए भत्ता, टीए, डीए पर रोक लगा दी है, जो दुखदायी है। इन कर्मचारियों को कंपनसेशन दिए जाने की मांग फेडरेशन लगातार रेलमंत्री व सरकार से करती आ रही है।
इस मौके पर डब्ल्यूसीआरएमएस के अध्यक्ष डॉ. आरपी भटनागर ने कहा कि
सरकार को न्यू पेंशन स्कीम हटाकर, गारंटेड ओल्ड पेंशन स्कीम देनी होगी। पूरे कार्यकाल के दौरान कर्मचारी लगातार रेलवे को तरक्की की राह में ले जाने के लिए काम करता है। रिटायरमेंट के बाद वृद्धावस्था में उसे गारंटेड पेंशन का सहारा जरूरी है। फेडरेशन सरकार से लगातार इसकी मांग करती आ रही है और अब आंदोलन की तैयारी की जा रही है।
इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में मजदूर संघ के कार्यकारी अध्यक्ष व मीडिया प्रभारी अमित भटनागर, महामंत्री अशोक शर्मा, सतीश कुमार आदि मौजूद रहे।